हाई कोर्ट ने वरिष्ठ आई ए एस अधिकारी पर लगाया पौने दो लाख का जुर्माना
पटना। पटना हाईकोर्ट ने तानाशाही रवैया अपनाकर नियमों के विरुद्ध काम करने वाले बिहार के वरिष्ठ आई ए एस अधिकारी और वर्तमान में राज्य योजना परिषद के सदस्य के रूप में पदस्थापित के के पाठक पर पौने दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद की एकल पीठ ने रवि शंकर सिंह एवं अन्य द्वारा दायर आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.कोर्ट ने श्री पाठक पर जुर्माना लगते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह जुर्माने की राशि को श्री पाठक से वसूल कर सभी याचिकाकर्ताओं को पचीस पचीस हजार रुपया दे दें।
अदालत को केंद्र सरकार के एडिशनल सोलिसिटर जनरल वरीय अधिवक्ता एस डी संजय ने बताया कि स्टाम्प ड्यूटी समय से जमा करने में हुए विलम्ब से नाराज होकर के के पाठक ने विभिन्न जिला के उप निबंधक को यह निर्देश दे दिया कि इस मामले में संबंधित स्टेट बैंक आफ इंडिया के सात शाखा प्रबंधकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करवाए. श्री पाठक के निर्देश के बाद कई जिला के उप निबंधक ने संबंधित स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराते हुए उन्हें गिरफ्तार करने का निर्देश भी दे दिया. अदालत को श्री संजय ने बताया कि ऐसे मामले में आपराधिक मामला दर्ज नही किया जाता है.लेकिन श्री पाठक ने नियमो की अनदेखी करते हुए प्राथमिकी दर्ज करने का जो आदेश दिया है वह गलत है. मालूम हो कि अभियुक्त बनाये गए सभी शाखा प्रबंधकों ने के के पाठक के उक्त आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने के लिए आपराधिक रिट याचिका दायर की थी. अदालत ने श्री पाठक द्वारा दर्ज करवाए गए सभी प्राथमिकी को निरस्त करते हुए राज्य सरकार को कहा कि नियमों के विरुद्ध काम करने वाले ऐसे पदाधिकारी के विरुद्ध करवाई करने पर भी विचार करे।