बिहार में विधानसभा की टूटी मर्यादा, विधायकों में हुई हाथापाई
पटना। बजट सत्र के 15वें दिन आज विधानसभा में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय के स्कूल में शराब की खेप मिलने और कोरोना जांच के आंकड़ों में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर दो बार जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष द्वारा हंगामा किये जाने के कारण सदन को बार -बार स्थगित करना पड़ा।
स्थगन के बाद सदन के दोबारा शुरू होने पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर शराबबंदी और मंत्री रामसूरत के इस्तीफे की मांग को उठाया। इसके बाद दोनों पक्षों के नेताओं के बीच कड़ी बहस छिड़ गई। उपमुख्यमंत्री तारकशिोर प्रसाद ने तेजस्वी यादव को रोकते हुए मुद्दों पर चर्चा करने के लिए कहा। इसके बाद तेजस्वी ने तारकिशोर पर तंज कस्ते हुए कहा की उपमुख्यमंत्री का पद नहीं बल्कि नेता प्रतिपक्ष का पद संवैधानिक होता है।
मार्शल ने किया अलग -
तेजस्वी के इस बयान के बाद सत्ता पक्ष के विधायकों गुस्से से भड़क गए और आपत्ति जताई। जिसके बाद तेजस्वी के बड़े भाई व विधायक तेज प्रताप यादव ने सत्ता दल के विधायकों के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया। जिससे दोनों पक्ष के नेता गुस्से से भड़क गए और वेल में आ गए। विधानसभा अध्यक्ष सभी विधायकों से अपनी सीट पर जाने के लिए आग्रह करते रहे लेकिन मामला इतना बिगड़ गया की देखते ही देखते दोनों पक्ष के विधायकों में हाथापाई शुरू हो गई। मामला इतना बढ़ गया की मार्शल को अलग करना पड़ा।
सदन लज्जित हुआ
बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया। उन्होंने कड़े शब्दों में आलोचना करते हुए कहा की जो आज विधान सभा में हुआ वो नहीं होना चाहिए, विधान सभा की गरिमा बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने कहा दोनों पक्ष के विधायकसदन की गरमा को बनाए रखें। ऐसी चीजें बर्दाश्त नहीं की जाएगी, यदि इस तरह का घटनाक्रम दुबारा हुआ तो सख्त कार्यवाही की जाएगी। आज जो हुआ सदन उससे लज्जित हुआ है।
तेजस्वी ने मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की -
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव स्कूल में शराब की खेप मिलने को लेकर मंत्री रामसूरत राय पर हमला किया। उन्होंने इस मामले में मंत्री रामसूरत राय की बर्खास्तगी की मांग की। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि मंत्री ही उस स्कूल के संचालक हैं जहां शराब पकड़ी गई थी। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से सवाल किया कि अगर किसी को लीज पर दिया था तो उसका एग्रीमेंट प्रस्तुत करें।
मंत्री के परिजनों का नाम लेने पर स्पीकर ने किया हस्तक्षेप -
मंत्री के परिवार के सदस्यों के नाम लेने पर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि सदन में बिना प्रमाण सदस्यों के परिजनों का नाम नहीं लेना चाहिए। वहीं, सत्ता पक्ष का कहना था कि मंत्री रामसूरत राय का उस स्कूल से कोई लेना-देना नहीं है, जहां से शराब की बरामदगी हुई है। मंत्री का 2012 में अपने भाई से रजिस्टर्ड बंटवारा हो चुका है। वह जगह मंत्री की नहीं है।