महापर्व छठ की तैयारी हुई तेज, 28 अक्टूबर को नहाय खाय होगा शुरू
पटना। दीप से जगमग रोशनी का पर्व दीपावली समाप्त होते ही सुचिता, आस्था और सूर्योपासना के महापर्व छठ की तैयारी तेज हो गई है। हर गांव और गलियों में छठ के गीत बजने लगे हैं। मलिक समुदाय द्वारा बनाए जा रहे बांस का सूप खरीदने के लिए लोगों की भीड़ जुटने लगी है। पूरा परिवार लोगों की आकांक्षा पूरी करने के लिए लगातार सूप बना रहे हैं। कोई बांस काट कर ला रहा है तो कोई उसे छीलकर तैयार कर रहा है, महिलाएं सूप बना रही है तो बच्चे उसकी फिनिशिंग कर रहे हैं।
28 अक्टूबर को नहाय खाय होगा, इसलिए पूरे घर की सफाई और आस्था के साथ स्नान ध्यान के बाद छठ पूजा का प्रसाद बनाने के लिए गेहूं और चावल आदि धोकर सुखाएगें। वहीं पूरे परिवार के साथ अरवा चावल, चना का दाल और कद्दू की सब्जी का भोजन करेंगे। अगले दिन 29 अक्टूबर को व्रती पूरे दिन निराहार रहकर शाम में खरना पूजन करेंगे। 30 अक्टूबर को अस्ताचल गामी (डूबते हुए सूरज) को संध्याकालीन अर्ध्य दिया जाएगा तथा 31 अक्टूबर को उदयाचल गामी को प्रातः कालीन अर्घ्य देने के साथ इस पर्व का समापन होगा।
सूर्योपासना, आस्था, विश्वास, सुचिता और सांस्कृतिक समरसता का प्रतीक का महापर्व छठ सिर्फ पर्व नहीं, सामाजिक सरोकार और अर्थव्यवस्था का बड़ा आधार भी है। इस महापर्व में शहर के बड़े उद्योगपतियों से लेकर समाज के अंतिम पायदान तक बैठे लोगों के अर्थ उपार्जन का अर्थशास्त्र पौराणिक काल में ही समाहित कर दिया गया था। चार दिवसीय इस महापर्व के दौरान बेगूसराय में 40-50 करोड़ से अधिक का कारोबार हुआ है, जिसमें कम से कम 15 से 20 करोड़ रुपया गांव में पहुंचता है।