मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामला : वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पॉस्को कोर्ट में हुई ब्रजेश ठाकुर समेत 10 आरोपियों की पेशी

मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामला : वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पॉस्को कोर्ट में हुई ब्रजेश ठाकुर समेत 10 आरोपियों की पेशी
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मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत 10 आरोपियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्थानीय पॉस्को कोर्ट में शनिवार को पेश किया गया । आधिकारिक सूत्रों ने यहाँ बताया कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए तथा सुरक्षा कारणों से आरोपिअदालत में पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कराने का निर्णय लिया गया था ।

पॉस्को कोर्ट की जज आरती तिवारी के सामने पेशी के दौरान ब्रजेश ठाकुर ने जेल में अपनी जान पर खतरा बताया । ब्रजेश ठाकुर ने न्यायाधीश से कहा कि माओवादियों के बगल के सेल में जेल के अंदर उसे रखा गया है जिससे उसकी जान को लगातार खतरा बना हुआ है ।

खुदीराम बोस जेल के हाई सिक्योरिटी ज़ोन के सेल में रखे गए ब्रजेश ठाकुर की सुरक्षा व्यवस्था में चौबीसों घंटे तैनात सुरक्षाकर्मी को पर्याप्त बताते हुए न्यायालय ने इस मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया ।

ब्रजेश ठाकुर के साथ साथ सीडब्ल्यूसी सदस्य विकास कुमार, निलंबित सीपीओ रवि रोशन तथा सात अन्य महिलाओं की भी कोर्ट में आज पेशी हुई । इस मामले में एक अन्य आरोपी दिलीप वर्मा फरार है ।

उल्लेखनीय है कि पिछली पेशी के दौरान कड़ी सुरक्षा के बावजूद आठ अगस्त को ब्रजेश ठाकुर के चेहरे पर एक लड़की ने स्याही फेंक दी थी जिसको ध्यान में रखते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी ।

अभी तक ब्रजेश ठाकुर की हमराज़ मधु तथा अन्य संदिग्ध सुमन और शिवा की अभी तक गिरफ्तारी नहीं होने से इस मामले की जांच कर रही सीबीआई की गोपनीयता पर सवाल उठने लगे हैं । जानकारी के अनुसार सीबीआई ने चार दिनों पूर्व ही छापेमारी के लिए किराए पर कुछ वाहन लिये थे जिसे परिसदन में रखा गया था । ब्रजेश के लोग भी लगातार सीबीआई की गतिविधियों पर नज़र बनाये हुए थे और उन्हें गिरफ्तारी का आभास हो गया था । गिरफ्तारी से बचने के लिए ब्रजेश के बहनोई तथा पत्रकार रितेश अनुपम दिल्ली चले गये और मधु, सुमन तथा वर्मा सभी कथित पत्रकारों ने अपना अपना स्थान बदल लिया था ।

इस बीच बालिका गृह कांड में शुक्रवार को सीबीआई ने राज्य की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा तथा इस काण्ड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के पटना मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, समस्तीपुर और मोतिहारी के एक दर्जन ठिकानों पर छापामार कर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज तथा आपत्तिजनक सामान बरामद किया । मंजू और उनके पति चंदेश्वर वर्मा से कई घंटे पूछताछ भी की गई ।

मंजू वर्मा के बेगूसराय जिले के चेरियाबरियारपुर में स्थित उनके आवास पर छापेमारी में सीबीआई ने छापेमारी के बाद मंजू वर्मा के निजी सहायक तथा समाज कल्याण विभाग के दो और लोगों को हिरासत में लिया है ।

मुजफ्फरपुर कांड में ब्रजेश ठाकुर के मोबाइल पर पूर्व मंत्री के पति चंद्रशेखर वर्मा से बातचीत के सबूत मिलने के बाद मंजू वर्मा को हाल ही में मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था । ब्रजेश ठाकुर ने भी कहा था कि मंत्री के पति से बातचीत होती थी। अपने पति को निर्दोष साबित करने में लगी मंजू वर्मा ने 15 अगस्त एवं 16 अगस्त को अपने क्षेत्र में नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा पर जमकर भड़ास निकालने के साथ संगीन आरोप लगाए थे। ब्रजेश ठाकुर के राजधानी पटना के कोतवाली थाना के तहत म्यूजियम के पास स्थित प्रात:कमल अखबार के दफ्तर पर छापेमारी में सीबीआई को कुछ दवाइयां समेत कई कार्टून आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद हुईं । ब्रजेश ठाकुर के प्रातः कमल के राजधानी स्थित दफ़्तर में ऐशोआराम की सारी वस्तुएं उपलब्ध थीं । ऐशगाह से लग रहे इस दफ्तर की पहली मंजिल के कमरे अय्याशी का अड्डा जैसा था । इस कमरे से सीबीआई को ब्रजेश ठाकुर के कुछ सरकारी कागज़ात, डायरी तथा अन्यान्य सुबूत मिले । डायरी में कई अहम नाम और उनके फ़ोन नंबर हैं जिनकी सीबीआई छानबीन कर रही है । यहाँ से जब्त सभी आपत्तिजनक सामान को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है । ब्रजेश के मुजफ्फरपुर स्थित आरएम पैलेस होटल, ब्रजेश के राइट हैंड सुमन शाही के घर पर, प्रातः कमल के रिपोर्टर शैलेन्द्र कुमार के घर पर तथा ब्रजेश के तीन रिश्तेदारों के यहां भी छापेमारी हुई थी । मुजफ्फरपुर में ब्रजेश ठाकुर के होटल आरएम पैलेस पर छापेमारी के क्रम में टीम को कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिलीं और टीम ने कंप्यूटर का कुछ सीडी भी जब्तkकांइया है | ब्रजेश की राजदार मधु के घर को भी खंगाला गया तथा कुछ मीडियाकर्मियों के यहाँ भी छापेमारी की गई थी । रिश्तेदारों के अलावा ब्रजेश ठाकुर से संपर्क रखने वाले नेता तथा दो आईएएस अधिकारी भी सीबीआई के रडार पर हैं। बालिका गृह से जब्त फाइलों के आधार पर सीबीआई ने पूछताछ के पूर्व वह साक्ष्य जुटाने के लिए ब्रजेश के सम्पर्क के लोगों की सूची बनाई है।

सीबीआई की टीम ने समाज कल्याण विभाग के काउंसिलर सुनील झा के राजधानी पटना के पाटलिपुत्र कालोनी में स्थित कनोडिया सदन में भी घंटों छापेमारी की ।

उल्लेखनीय है कि मुंबई की टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की 'कोशिश' टीम की सोशल ऑडिट रिपोर्ट में बालिका गृह में रहने वाली बच्चियों के साथ दुष्कर्म का खुलासा हुआ था । सोशल ऑडिट रिपोर्ट 26 मई को बिहार सरकार के पास भेजी गई थी । घटना के उजागर होने के बाद बालिका गृह से 44 किशोरियों को 3। मई को पटना, मोकामा और मधुबनी के बालिका गृह में भेजा गया। जांच रिपोर्ट में 34 बच्चियों के साथ यौन शोषण की पुष्टि हुई थी । बालिका गृह में रहने वाली बच्चियों ने आरोप लगाया था कि बालिका गृह का संचालन कर रही एनजीओ के लोग तथा कुछ नेता किस्म के लोग उनका यौन शोषण किया करते थे । इस मामले में पुलिस ने तीन जून को ब्रजेश को गिरफ्तार किया था। ब्रजेश ठाकुर पर आरोप था कि शेल्टर होम में रह रही बच्चियों का वह यौन शोषण कराता था। बच्चियों को शेल्टर होम से बाहर भेजा जाता था और ऐसा करने से मना करने वाली बच्चियों को प्रताड़ित किया जाता। मुजफ्फरपुर स्थित ब्रजेश होटल तथा उसके पटना में स्थित अखबार के ऑफिस में भी बच्चियों को लाया जाता था।

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