नीतीश कुमार ने अपहरण केस में फरार आरोपी को बनाया मंत्री, विवादों में फंसे

नीतीश कुमार ने अपहरण केस में फरार आरोपी को बनाया मंत्री, विवादों में फंसे
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पटना। बिहार में राजग छोड़ महागठबंधन की सरकार के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार के दागी मंत्रियों की हर ओर चर्चा हो रही है। इसी बीच कानून मंत्री बनाए गए आरजेडी के कार्तिकेय सिंह को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। कानून की नजरों में वह एक फरार अपराधी है। जो अपहरण के केस में वर्ष 2014 से फरार चल रहे है। इस मामले में नीतीश कुमार का कहना है की मुझे इस मामले में कोई जानकारी नहीं है।

दरअसल, कार्तिकेय सिंह उर्फ मास्‍टर कार्तिक स्‍थानीय प्राधिकार से विधान परिषद सदस्‍य चुने गए है। कार्तिकेय सिंह पर आरोप है की उन्होंने वर्ष 2014 में राजद के पूर्व विधायक अनंत सिंह के साथ बिहटा में राजू सिंह का अपहरण करने गए थे। इस मामले में बिहटा थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसमें अनंत सिंह के साथ कार्तिकेय सिंह को आरोपी बनाया गया है। उन्हें 16 अगस्त को कोर्ट में इसी मामले में हाजिर होना था लेकिन वे राजभवन में मंत्री पद की शपथ ले रहे थे। कोर्ट ने फरारी के आरोप में वारंट जारी कर दिया है।उन्‍होंने अभी तक न तो कोर्ट में सरेंडर किया है, न ही जमानत के लिए अर्जी दी है।

इस मामले में भाजपा ने महागठबंधन सरकार और नीतीश कुमार को आड़े हाथ लेते हुए कहा की नई सरकार में जंगलराज की वापसी हो रही है। सुशील मोदी ने कहा की महागठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल में बाहुबलियों की भरमार कर नीतीश कुमार ने बिहार में डरावने दिनों की वापसी सुनिश्चित कर दी है। बता दें की सुरेन्द्र यादव, ललित यादव, रमाकांत यादव और कार्तिकेय जैसे विधायक मंत्री बनाये गए, जिनके नाम से इलाके में लोग कांपते हैं। इनपर आर्म्स ऐक्ट, यौन शोषण, हत्या के प्रयास और अपहरण जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं।


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