नीतीश कुमार ने कहा - बुद्ध सर्किट को रेल सेवाओं से जोड़ा जाएगा
बिहार में रफ्तार पकड़ रही डबल इंजन की सरकार
पटना। बिहार में डबल इंजन की सरकार अपनी पूरी रफ्तार में दिख रही है। बिहार की विकासपरक योजनाओं को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच बेहतर तालमेल का नतीजा रविवार को ज्ञान भवन के बाबू सभागार में पूर्व मध्य रेल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उस वक्त देखने को मिला जब रेलमंत्री पीयुष गोयल ने पटना-दीघा रेल लाइन की जमीन को सड़क निर्माण के लिए बिहार सरकार को देने की घोषणा की और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसके लिए उनको धन्यवाद देते हुये कहा कि बिहार के लोगों की जरूरतों को रेलमंत्री बेहतर तरीके से समझ रहे हैं और यहां रेलवे के तमाम प्रोजेक्टों को समय पर पूरा करने के लिए सरकार सतत प्रयत्नरत है। उन्होंने कहा कि बिहार के बुद्ध सर्किट को मध्यम गति वाली रेल सेवाओं से जोड़ने योजनाएं बनाई जा रही हैं। इससे पर्यटन का तेजी से विकास होगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खासतौर से बिहटा में बनने वाले अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का जिक्र करते हुये कहा कि यहां पर एलिवेटेड सड़क बनाने की भी योजना है। राज्य सरकार ने इसके लिए जमीन मुहैया करा दी है, लेकिन इसके लिए उन्हें दानापुर रेलवे स्टेशन से पश्चिम की ओर रेलवे की कुछ जमीन की जरूरत पड़ रही है। यदि रेल मंत्रालय उन्हें यह जमीन देती है तो राज्य सरकार इसका भुगतान करने के लिए तैयार है। रेल महकमा इसके लिए जो भी रकम तय करेगा राज्य सरकार वह रकम अदा कर देगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बुद्ध सर्किट तेज गति से चलने वाली रेल सेवाओं से जोड़ना चाह रही है। इसके लिए तो विदेश मंत्रालय से हरि झंडी मिल रही है लेकिन रेल मंत्रालय के सक्रिय सहयोग की इसमें जरूरत है, क्योंकि मामला रेलवे से जुड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भारत के रेलमंत्री के तौर पर मुझे लंदन और पेरिस के बीच चलने वाले हाई स्पीड ट्रेनों पर सफर करने का मौका मिला था। इस ट्रैक पर दूर दूर तक जमीन को खाली रखा गया था, लेकिन जापान के दौरे के दौरान मुझे हाई स्पीड ट्रेनें सघन आबादी वाली बस्तियों से अपनी पूरी रफ्तार से गुजरती हुई दिखाई दीं। हाई स्पीड ट्रेनों के मामले में जापान की तकनीकी बिहार के लिए मुफीद है। बिहार के बौद्ध सर्किट में इससे कुछ कम स्पीड वाली ट्रेनें चलाने पर विचार किया जा रहा है। यह रेल मंत्रालय के सहयोग से ही मुमकिन है।
पटना से वीडियो लिंक के माध्यम से बिरौल-हरनगर नई रेल लाइन एंव रक्सौल-नरकटियागंज आमान परिवर्तित रेल खंड का लोकार्पण के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि लंबे समय के बाद उन्हें रेल विभाग के किसी कार्यक्रम में शिरकत करने का मौका मिल रहा है। जब वह रेल मंत्री थे तो खुद इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करवाया करते थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी उनके कार्यक्रमों में शिरकत करने के लिए सहजता से तैयार हो जाते थे। किसी भी रेल प्रोजेक्ट को कैबिनेट से पास करवाने में काफी मुश्किलें पेश आती हैं। कई तरह की प्रक्रियाओं को पूरा करना पड़ता है। लेकिन तात्कालीन प्रधानमंत्री बाजपेयी जी की बदौलत बिहार से संबंधित सभी परियोजनों को सहजता से कैबिनेट की मंजूरी मिल जाया करती है। उन्होंने कहा कि अब रेलमंत्री पियुष गोयल खुद बिहार के विकास को लेकर फिक्रमंद हैं।