भारत बंद में राजद होगा शामिल

भारत बंद में राजद होगा शामिल
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पटना। भारतीय जनता पार्टी के नेता तथा पूर्व विधायक राजीव रंजन ने कहा कि सोमवार दस सितम्बर को आयोजित भारत बंद में राष्ट्रीय जनतादल (राजद) के शामिल होने की घोषणा से बिहार की जनता सहम गई है।

भाजपा प्रवक्ता श्री रंजन ने यहाँ रविवार को कहा कि राजद नेताओं के भारत बंद में शामिल होने की बात से राज्य की जनता अभी से ही सिहर उठी है। उन्होंने कहा कि अपने हर बंद में राजद के समर्थक जैसा उपद्रव करते हैं। वैसा देश में कोई पार्टी नही करती है1 उन्होंने कहा कि पिछले दिनों बंद में राजद के लोगों ने जो अराजकता फैलाई थी, उसकी यादें और डर अभी तक लोगों के मन में ताजा है। कोशिश करने पर भी कोई नही भूल सकता कि राजद के समर्थक तपती कड़ी धूप में महिलाओं बच्चों समेत हजारों भूखे.प्यासे लोगों को रोड पर रोक ढोलक-हारमोनियम के साथ नाच-गा रहे थे। भाजपा नेता ने कहा कि कई मरीजों की राजद के लोगों की संवेदनहीनता के कारण जाम में फंस दम तोड़ दिया था। राजद के कार्यकर्ताओं ने मरीजों को भी एंबुलेंस से उतार उनसे अमानवीय तरीके से राजद जिंदाबाद के नारे लगवाये थे। इसके अलावा मेहनत मजदूरी करने वाले लाखों दिहाड़ी मजदूर, ठेले-खोमचे वाले, गरीब रिक्शा चलाने वाले लोग भी अपने और अपने बाल बच्चों के कल के भोजन-पानी की चिंता कर रहे हैं, क्योंकि बाहर निकलने पर राजद के लोग उन्हें मारपीट कर बंद के दौरान या तो उनका सामान छीन लेते हैं या उन्हें आग के हवाले कर देते हैं।

श्री रंजन ने निरीह लोगों को अपनी राजनीतिक हितों का शिकार न बनाने और बंद के दौरान गरीब, जरूरतमंद और मरीजों को राहत देने की राजद से अपील की।

श्री रंजन ने कहा कि पूरे देश में शायद राजद ही अकेली ऐसी पार्टी होगी जो अपने कार्यकर्ताओं द्वारा बंद में फैलाई अमानवीय अराजकता पर माफ़ी मांगने के बजाए, उन्हें और ऐसे काम करने के लिए प्रोत्साहित करती है और ऐसा करने वालों का मान बढ़ाती है। दरअसल लोग जानते हैं कि राजद का हमेशा ही गुंडागर्दी और अराजकता में विश्वास रहा है। शायद इन्हें लगता है कि इस तरह के कामों से जनता भयभीत होकर इन्हें वोट दे देगी। राजद के युवराजों का पार्टी में प्रभाव बढ़ने से कईयों को लगा था कि शायद राजद में अब कोई परिवर्तन आएगा, लेकिन इसके ठीक विपरीत राजद में इस तरह के तत्व और ज्यादा हावी हो गयें है, जो पिछली बंदी में साफ़ साफ़ दिखा था। उन्होंने कहा कि राजद के नेताओं को अभी भी पता नही चल पा रहा है कि इनके इसी तरह के आचरण के कारण बिहार की जनता का इनसे मोहभंग हो गया है, शायद यही कारण है कि यह आज भी अपनी उन्मादी राजनीति को छोड़ने के लिए तैयार नही हैं।

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