शारदा सिन्हा का निधन: पटना में राजकीय सम्मान के साथ होगा बिहार की कोकिला का अंतिम संस्कार

पटना में राजकीय सम्मान के साथ होगा बिहार की कोकिला का अंतिम संस्कार
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शारदा सिन्हा का निधन

शारदा सिन्हा का निधन : बिहार। पटना में राजकीय सम्मान के साथ बिहार की कोकिला कही जाने वाली शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। छठ पर उनके द्वारा गाए गए गीत हर घर में सुने जाएंगे। हालांकि शारदा सिन्हा के निधन से उनके पैतृक गांव में मातम छाया हुआ है। इंडिगो फ्लाइट से शारदा सिन्हा का पार्थिव देह पटना लाया जा रहा है। शारदा सिन्हा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत राष्ट्रपजति द्रौपदी मुर्मू ने दुःख जताया था।

बुधवार को शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर पटना पहुंचेगा। इसके बाद उनके अंतिम दर्शन के लिए कई लोग आएंगे। जानकारी के अनुसार 7 नवंबर को शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार किया जाएगा। शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

बता दें कि, शारदा सिन्हा बिहार की एक लोकप्रिय गायिका हैं। इनका जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के सुपौल जिला में हुलास, राघोपुर गांव में हुआ था जो एक बेहद पिछड़ा क्षेत्र है। उनका ससुराल बेगूसराय जिले के सिहमा गांव में है। उनेक पति ब्रिज किशोर सिन्हा का निधन पिछले वर्ष हो गया था। उसके बाद से ही शारदा सिन्हा की भी तबियत खराब रहने लगी थी।

शारदा सिन्हा ने अपने करियर की शुरुआत मैथिली लोक गीत गाकर की थी। उन्होंने मैथिली, भोजपुरी के अलावे हिन्दी गीत भी गाये थे। मैंने प्यार किया, "हम आपके हैं कौन" और "गैंग्स ऑफ वासेपुर" जैसी फिल्मों में शारदा सिन्हा द्वारा गाये गीत काफी लोकप्रिय हुए हैं। बिहार में दुर्गा-पूजा, विवाह-समारोह या अन्य संगीत समारोहों में शारदा सिन्हा द्वारा गाये गीत अक्सर सुनाई देते हैं। लोकगीतों के लिए इन्हें 'बिहार-कोकिला', 'पद्म श्री' एवं 'पद्म भूषण' सम्मान से विभूषित किया गया है।

शारदा सिन्हा के निधन पर पीएम मोदी ने कहा था कि, 'सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं। आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी। उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।'

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