सुशील कुमार मोदी ने कहा - बिहार के सभी स्कूलों में शुरु होगी वर्चुअल क्लास
पटना। पहले गुरुकुल में शिक्षा की व्यवस्था थी। बच्चे गुरु के सानिध्य में रहकर शिक्षा हासिल करते थे। जमाना बदला और स्कूली शिक्षा की शुरुआत हुई। अब तो डिजिटल का जमाना आ गया है। गुगल शिक्षक बन गया है। बदलते जमाने में बदली शिक्षा व्यवस्था के तहत अब वर्चुअल स्मार्ट क्लास की शुरुआत की जा रही है। वर्चुअल क्लास में टेलीविजन और इंटरनेट के जरिये बच्चों को शिक्षित किया जा रहा है। प्रयोग के तौर पर बांका में इसकी शुरुआत हो चुकी है। आने वाले समय में इसी कंसेप्ट के तहत बिहार के सभी स्कूलों में वर्चुअल स्मार्ट क्लास की शुरुआत की जाएगी। बिहार के बच्चों को बेहतर और आधुनिक शिक्षा के लिए पैसों की कमी नहीं होने दी जाएगी। ये बातें उप उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर बुधवार को पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कही।
बेहतर शिक्षक को परिभाषित करते हुये उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति व शिक्षाविद एपीजे अब्दुल कलाम का हवाला देते हुये कहा कि जब एक बार एक शख्स ने उनसे पूछा कि बेहतर शिक्षक कौन होता है तो उन्होंने कहा कि इसका निर्धारण बच्चे करते हैं। बच्चे जिस शिक्षक को बेहतर बताये आप उसे ही बेहतर समझे। सुशील कुमार मोदी ने कहा कि आज जरूरत बच्चों के मनोविज्ञान को समझते हुये उन्हें शिक्षित करने की है। अपने संबोधन से पहले उन्होंने सभागार में मौजूद सभी बच्चों को एक मिनट तक खुलकर हल्ला करने को कहा।
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कबीर और गुरु गोविंद सिंह ने भी जीवन में गुरु की महिमा को स्वीकार किया है। गुरु और पारस एक जैसे होते हैं। जिस तरह से पारस के छूने से लोहा सोना हो जाता है उसी तरह गुरु के ज्ञान और आशीर्वाद से छात्र सोने की तरह चमकने लगता है। उन्होंने कहा कि कबीर तो यहां तक कहते हैं कि गुरु का स्थान ईश्वर से भी पहले है। गुरु की महिमा से शिष्य ईश्वर को देख पाता है। जीवन में शिक्षक की बहुत बड़ी भूमिका होती है।
इस अवसर पर सुशील कुमार मोदी ने बिहार सरकार द्वारा स्कूली बच्चों के लिए चलाई जा रही साईकिल योजना की चर्चा करते हुये कहा कि अब तक बिहार में एक करोड़ 36 लाख छात्र-छात्राओं को साईकिलें दी गई हैं। देश के किसी भी राज्य में इतनी बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों को साइकिलें नहीं दी गई हैं। उन्होंने कहा कि अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मैट्रिक पास करने वाली छात्रा को 10 हजार रुपये देने की घोषणा की है। चाहे वह छात्रा किसी भी डिविजन से क्यों न पास हो। इसी तरह इंटर पास करने के बाद आगे की पढ़ाई करने वाली छात्रा को 25 हजार रुपये दिये जाएंगे। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों की बहाली में महिलाओं को 50 प्रतिशत रिजर्वेशन दिया गया है। लड़कियां अब पढ़ रही हैं।
उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने फीस के मामले में बेलगाम होते प्राइवेट स्कूलों पर कहा कि बच्चों को शिक्षित करने में निजी स्कूलों की भी अहम भूमिका है। लेकिन यह भी सच है कि निजी स्कूल फीस के मामले में अभिभावकों के साथ ज्यादती करते हैं। उत्तर प्रदेश, तमिलनाड और गुजरात जैसे राज्यों में निजी स्कूलों की फीस को रेगुलेट करने की व्यवस्था बना दी गई है। इस बाबत हम बिहार विधानसभा में भी बिल लाकर कानून बनाने जा रहे हैं ताकि निजी स्कूल के संचालक मनमानी तरीके से फीस की वसूली न कर सके।
इस अवसर पर शिक्षामंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने कहा कि डा. राधाकृष्णन ने अपने विचारों और कार्यों से आधुनिक भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। उन्हीं की याद में हमलोग शिक्षक दिवस मनाते हैं। आज देश जिस मुकाम पर है वह शिक्षकों की बदौलत ही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में बिहार निरंतर प्रगति कर रहा है। नैतिक शिक्षा पर जोर देते हुये उन्होंने कहा कि नैतिक शिक्षा के बगैर सब बेकार है। स्कूलों में बच्चों के नैतिक विकास के लिए हमलोग गांधी जी की कथा वाली दो किताबें पढ़ा रहे हैं। कोमल मन में एक बार नैतिकता की बातें बैठा दी जाएं तो आजीवन बैठी रही है।
शिक्षक दिवस पर राज्य के विभिन्न प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को सम्मानित किया भी किया गया। सम्मानित किये जाने वाले शिक्षकों में नगेंद्र यादव, ममता पांडे, ब्रजेश कुमार सिंह, प्रेमनाथ गोसाई, कृष्णनंदन कुमार, शिव कुमार सिंह, राजेश कुमार, सुनील राय, विवेक कुमार, दिनेश दूबे, मो. मुश्ताक आलम, कुमारी पूनम, मीरा कुमारी, नुसरत खातून, सुधीर कुमार राय, डॉ. जगनारायण सिंह और अल्का कुमार हैं। इसके अलावा नालंदा,पटना और पश्चिमी चंपारण के जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार,ज्योति कुमार और हरेंद्र झा को भी उनके बेहतर काम के लिए सम्मानित किया गया।