बिहार में पुल उद्घाटन से पहले ही बह गया, ग्रामीणों का आरोप- निर्माण में बरती गई लापरवाही
पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र और केंद्र राज्य सरकार द्वारा उद्घाटन-शिलान्यास का कार्यक्रम चल रहा है। इस बीच किशनगंज जिले एक खबर आ रही है, जहां एक निर्माणाधीन पुल बह गया है। यह मामला दिघलबैंक प्रखंड के पथरघट्टी पंचायत का है।
दिघलबैंक प्रखंड की पत्थरघट्टी पंचायत के ग्वाल टोली के पास से बह रही कनकई नदी में बनी नई धार की चपेट में आने से गुवाबाड़ी के पास करीब 1 करोड़ 42 लाख की लागत से बन रहा पुल धंस गया।
पुल उद्घाटन से पहले ही गुवाबाड़ी के पास पुल का एक पाया पुरी तरह धंस गया है और कनकई नदी के इस नये धार के बीचों बीच इस प्रकार खड़ा है मानो नदी ने पुल को अपने आगोश में ले लिया है। फिलहाल पुल के धंस जाने के कारण इस रास्ते खुद को मुख्य धारा से जोड़ने का आस वर्षों से संजोए ग्वाल टोली, गुवाबाड़ी, दोदरा, कमरखोद, बेलबारी, संथाल टोला आदि गांवों के हजारों की आबादी का इंतजार एक बार फिर से बढ़ गया है।
निर्माणाधीन पुल से सटे एक ग्रामीण सह शिक्षक जमील अख्तर ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि अगर समय रहते प्रशासन और जनप्रतिनिधियों का ध्यान इस ओर जाता तो आज पत्थरघट्टी पंचायत के इन आधे दर्जन से अधिक गांवों पर यह खतरा न तो मंडराता और न ही इस प्रकार के नई समस्याओं का सामना रोज हमलोगों को करना पड़ता। गौरतलब है कि कनकई नदी ने पिछले करीब एक दशक से दिघलबैंक प्रखंड में सबसे अधिक नुकसान पत्थरघट्टी पंचायत को ही पहुंचाया है।
Kishanganj: A bridge in Goabari village washed away ahead of its inauguration following a rise in the water level of Kankai river. #Bihar (17.9) pic.twitter.com/oZnzhy5fcv
— ANI (@ANI) September 18, 2020
कनकई नदी से नुकसान का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि केवल 10 वर्षों में नदी ने काशीबाड़ी, कचना बस्ती तथा मालप्रति जैसे सैकड़ों परिवार वाले गांवों को पंचायत के नक्शे से ही गायब कर दिया है। वहीं ग्वाल टोली का क्षेत्रफल भी पिछले कुछ वर्षों से लगातार छोटा होता जा रहा है। यही नहीं इस वर्ष नदी से निकले नये धार ने तो ग्वाल टोली को टापु में बदल दिया है। यही कारण है कि पिछले दो वर्षों से जिस अंदेशा को लेकर पत्थरघट्टी पंचायत के लोग लगातार वरीय पदाधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों से मिलने से लेकर आंदोलन और भूख हड़ताल तक करते आये, आखिर वह सच साबित हो गया है और प्रशासन तथा जनप्रतिनिधियों के उदाशीनता के कारण नदी फिलहाल अपना एक नया रास्ता बना चुका है। और हर बढ़ते दिन के साथ पत्थरघट्टी पंचायत के लोगों की समस्या बढ़ाता जा रहा है।
मंगलवार की रात गुवाबाड़ी के पास धंसे निर्माणाधीन पुल को लेकर जब ग्रामीण विकास विभाग के कनीय अभियंता रामानंद यादव से बात कि गई तो उन्होंने कहा कि जिस वक्त पुल को बनाने का काम प्रारंभ हुआ था, वहां पर कनकई नदी का एक मरीया धार था और पुल उसी हिसाब से बनाया जा रहा था। लेकिन अचानक से इस बार नदी का रूख बदल गया और हजारों एकड़ में फैला पानी जब केवल कुछ मीटर लंबे पुल से पास होने लगे तो इस प्रकार की अनहोनी से इंकार भी नहीं किया जा सकता है।