बिहार सरकार टीआईएसएस की रिपोर्ट को सार्वजनिक क्यों नहीं कर रही

बिहार सरकार टीआईएसएस की रिपोर्ट को सार्वजनिक क्यों नहीं कर रही
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नई दिल्ली। बिहार आश्रय गृहों में व्याप्त अनाचार व अनियमितता को लेकर टाटा इंस्टीट्यूट अॉफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की ओर से किए गए सर्वेक्षण की रिपोर्ट को पहले सार्वजनिक करने पर रोक लगाने व फिर उसे सार्वजनिक कर देने के पीछे का कारण किसी को ज्ञात नहीं है।

पटना से मिल रही जानकारी के मुताबिक इस रिपोर्ट को पहले बिहार समाज कल्याण विभाग की ओर से यह कहते हुए रोका गया कि इसके सार्वजनिक होने से किशोर न्याय कानून (जुवेनाइल जस्टिस एक्ट) का उल्लंघन होगा लेकिन बीते गुरुवार को इसे विभाग ने अपने वेबसाइट पर डाल दिया।

हालांकि इसको लेकर सही तर्क बिहार सरकार के अधिकारी भी नहीं दे पा रहे हैं। जब इस बाबत विभाग के निदेशक व भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी राजकुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि विभाग के प्रधान सचिव अतुल कुमार ने पहले इसे सार्वजनिक करने का आदेश नहीं दिया था। इसलिए इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सका। अब बिहार सरकार के विधि विभाग ने इसकी स्वीकृति दे दी है।

इस मामले में पटना स्थित एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट से जुड़े शैवाल गुप्ता का कहना है कि बिहार सरकार को इसे पहले ही सार्वजनिक कर देना चाहि्योंकि इसमें छुपाने की तो कोई बात ही नहीं थी। इससे देश की सुरक्षा तो खतरे में नहीं पड़ती। अगर एेसा था तो फिर इसे अब सार्वजनिक क्यों किया गया।

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