धुंआ धुंआ हुई दिल्‍ली: सिगरेट नहीं पीने वालों को भी रोजाना 50 सिगरेट पिला रही दिल्‍ली की हवा, इन बीमारियों का खतरा…

सिगरेट नहीं पीने वालों को भी रोजाना 50 सिगरेट पिला रही दिल्‍ली की हवा, इन बीमारियों का खतरा…
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दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र एक बार फिर वायु प्रदूषण के गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, जिससे सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। प्रदूषण का यह स्तर न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि लोगों की सेहत के लिए भी एक बड़ा खतरा बन गया है।

प्रदूषण का मौजूदा हाल

दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम जैसे इलाकों में वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। मंगलवार सुबह दिल्ली का औसत AQI 495 दर्ज किया गया, जबकि गाजियाबाद में यह 471, गुरुग्राम में 444 और फरीदाबाद में 374 तक पहुंच गया। कुछ क्षेत्रों में यह 900 का भी आंकड़ा पार कर चुका है। सात दिनों से धुंध की घनी परत क्षेत्र में छाई हुई है, जिससे दृश्यता कम हो गई है और स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं।

दिल्ली-एनसीआर में मौजूदा धुंध दरअसल हवा में मौजूद धूल के महीन कणों की वजह से है। ये कण कंस्ट्रक्शन, वायु प्रदूषण और पराली जलाने जैसी गतिविधियों के कारण हवा में लंबे समय तक बने रहते हैं। इन कणों में पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे सूक्ष्म कण शामिल हैं, जो सांस के जरिए हमारी श्वसन नली में पहुंचकर शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।

दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। सोमवार को कुछ इलाकों में AQI 1000 के पार दर्ज किया गया, जो एक बेहद गंभीर स्थिति है। इसका मतलब है कि अगर आप एक दिन इस प्रदूषित हवा में सांस लेते हैं, तो यह 50 सिगरेट पीने के बराबर नुकसान पहुंचा सकता है। भले ही आप सिगरेट न पीते हों, लेकिन दिल्ली की यह जहरीली हवा आपके फेफड़ों को उसी हद तक नुकसान पहुंचा रही है। इस स्थिति से दिल्ली की बिगड़ती हवा की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

स्कूल और विश्वविद्यालय बंद

बच्चों की सेहत पर प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए दिल्ली और एनसीआर में स्कूलों को बंद कर दिया गया है। दिल्ली विश्वविद्यालय ने 23 नवंबर तक और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने 22 नवंबर तक सभी कक्षाएं ऑनलाइन आयोजित करने का फैसला किया है। इस दौरान छात्रों को घर पर ही रहने और सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

GRAP-4 लागू

दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP-4) लागू कर दिया गया है। इसके तहत वाहनों पर सख्त प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं और निर्माण गतिविधियों को भी नियंत्रित किया जा रहा है। यह योजना अत्यधिक प्रदूषण के हालात में आपात कदम उठाने के लिए बनाई गई है।

आर्टिफिशियल बारिश से राहत की उम्मीद

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि स्मॉग की चादर को हटाने के लिए आर्टिफिशियल बारिश कराई जा सकती है। उन्होंने इसके लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखा है और तत्काल बैठक बुलाने की अपील की है। उनका कहना है कि उत्तर भारत में पिछले तीन दिनों से फैली स्मॉग की चादर बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर बुरा प्रभाव डाल रही है।

क्या है AQI और इसका महत्व?

एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) वायुमंडल में प्रदूषण के स्तर को मापने का एक मानक है। इसमें पीएम 10 और पीएम 2.5 जैसे कणों के अलावा ओजोन, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड की मात्रा को मापा जाता है। AQI जितना अधिक होता है, वायु उतनी ही प्रदूषित होती है। 300 से ऊपर का AQI गंभीर माना जाता है, और 500 के पार पहुंचना खतरनाक स्तर को दर्शाता है।

प्रदूषण से होने वाली बीमारियां

वायु प्रदूषण से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे:

  • सांस संबंधी रोग (अस्थमा, ब्रोंकाइटिस)
  • गले और फेफड़ों में संक्रमण
  • फेफड़ों का कैंसर
  • हृदय रोग
  • मधुमेह

विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा हालात में बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों को खासतौर पर सतर्क रहना चाहिए।

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