Maharashtra News: औरंगजेब की कब्र पर चलेगा बुलडोजर! सत्ता पक्ष और विपक्ष की एक है राय

Demand to Remove Aurangzeb Grave in Maharashtra : संभाजीनगर। महाराष्ट्र के संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग अब और तेज हो गई है। सत्ता पक्ष समेत विपक्ष दोनों ने एक ही सुर में इसका समर्थन किया है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का बड़ा बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने औरंगजेब की कब्र को हटाने की इच्छा जाहिर की है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बयान देते हुए कहा कि औरंगजेब की कब्र को हटाने की इच्छा हमारी भी है, लेकिन यह संरक्षित स्थल है। कांग्रेस सरकार के समय इसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से संरक्षण मिला था।
कांग्रेस ने इस पर बीजेपी पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। हर बार कांग्रेस पर आरोप लगाना सही नहीं है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए सरकार को स्वयं निर्णय लेना चाहिए।
बीजेपी नेता सुधीर मुंगंटीवार ने कहा, मैंने अफजल की कब्र से अतिक्रमण हटाया था, तो मेरा इस मुद्दे पर विचार अलग कैसे हो सकता है? महाविकास अघाड़ी सरकार कब्र बनाए रखना चाहती थी, जबकि हमारी सरकार इसे हटाने के पक्ष में है। औरंगजेब जैसे आक्रमणकारी का महिमामंडन नहीं होना चाहिए। वह रावण के बाद सबसे बड़ा दुष्ट था।
शिवसेना नेता शंभूराजे देसाई ने कहा कि हमारी सरकार औरंगजेब की कब्र को हटाने के पक्ष में है। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री केंद्र सरकार से बातचीत करेंगे। वहीं शिवेंद्रराजे भोसले ने इस मुद्दे पर कहा, औरंगजेब की कब्र महाराष्ट्र में नहीं रहनी चाहिए। इसमें किसी को गलत लगने जैसी कोई बात नहीं है।
इसके अलावा महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के नेता बाला नांदगांवकर ने सख्ती से कहा, शिवाजी महाराज को तकलीफ देने वाले और संभाजी महाराज की हत्या करने वाले औरंगजेब की कब्र की कोई जरूरत नहीं है। इसे जल्द से जल्द हटाया जाना चाहिए।
अबू आजमी ने औरंगजेब के बचाव में कही थी ये बात
अबू आजमी ने औरंगजेब का बचाव करते हुए बयान दिया था कि मैं 17वीं सदी के मुगल बादशाह औरंगजेब को क्रूर, अत्याचारी या असहिष्णु शासक नहीं मानता। इन दिनों फिल्मों के माध्यम से मुगल बादशाह की विकृत छवि बनाई जा रही है।
इस बयान के बाद सियासत गर्माने लगी। इसके बाद अबू आजमी ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि मैं शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज के खिलाफ बोलने के बारे में सोच भी नहीं सकता। अबू आजमी ने कहा कि मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया। औरंगजेब के बारे में मैंने वही कहा है जो इतिहासकारों और लेखकों ने कहा है।
मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या अन्य किसी भी महापुरुष के बारे में कोई अपमानजनक टिपण्णी नहीं की है। अगर मेरे इन बयानों की वजह से कोई आहत हुआ तो मैं बिना किसी शर्त के माफी मांगता हूं और अपने बयान को वापस लेता हूं।