Organic Cotton Scam: केंद्र ने माना MP में हुआ जैविक कपास घोटाला, दिग्विजय सिंह ने की सीबीआई जांच की मांग

केंद्र ने माना MP में हुआ जैविक कपास घोटाला, दिग्विजय सिंह ने की सीबीआई जांच की मांग
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Organic Cotton Scam in MP : मध्य प्रदेश। केन्द्रीय गणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने माना है कि मध्यप्रदेश में ऑर्गेनिक कॉटन के प्रमाणीकरण में गड़बड़ी हुई है। दरअसल, पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने 27 अगस्त को प्रदेश में ऑर्गेनिक कॉटन (कपास के पौधे से मिलने वाला एक प्राकृतिक रेशा) उत्पादकों के फर्जी समूह बनाकर घोटाला करने का मामला उठाया था। इस मामले में अब दिग्विजय सिंह ने सीबीआई जाँच की मांग की है।

भारत की International Market में प्रतिष्ठा को धक्का लगा

पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने शनिवार को अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से पोस्ट साझा करते हुए कहा कि, एमपी में कई वर्षों से Organic खेती के नाम पर हज़ारों करोड़ों का भ्रष्टाचार चल रहा था उसे उजागर किया। मेरे पीएम मोदी को लिखे पत्र के आधार पर पकड़ा गया। इस प्रकरण की जाँच पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देशन में CBI द्वारा होनी चाहिए इसमें भारत की International Market में प्रतिष्ठा को धक्का लगा है।

मंत्री गोयल ने कहा मंत्रालय कार्रवाई जारी रखेगा

दिग्विजय ने केन्द्रीय वाणिज्य-उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और सीएम डॉ मोहन यादव को पत्र लिखकर इस मामले में कार्रवाई की मांग की थी। दिग्विजय सिंह के उसी पत्र पर मंत्री पीयूष गोयल ने जवाब दिया।

मंत्री पीयूष गोयल ने लिखा कि, एक प्रमाणन निकाय को राष्ट्रीय जैविक उत्पाद कार्यक्रम (NPOP)के विनियमन प्रमाणन प्रक्रिया में गंभीर उल्लंघन के आधार पर एक साल के लिए निलंबित कर दिया है। कुछ दूसरे प्रमाणन निकायों पर कार्रवाई जारी है। उक्त उत्पादक समूह का एनपीओपी के तहत पंजीयन रद्द कर दिया गया है।

इस कार्रवाई के अलावा विभाग ने इस मामले को इंदौर के पुलिस आयुक्त, धार एसपी के सामने भी उठाया और मामले पर संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय इस मामले में उचित कार्रवाई जारी रखेगा।

दिग्विजय सिंह ने चार महीने पहले लिखा था पत्र

दिग्विजय सिंह ने 27 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र पत्र लिखा था। उन्होंने चिट्ठी में लिखा कि, निमाड़ अंचल में ऑर्गेनिक कॉटन उत्पादकों के फर्जी समूह बनाए गए हैं। इनमें ऐसे गांवों के किसानों के नाम हैं जो न तो ऑर्गेनिक कॉटन का और न ही साधारण बीटी कॉटन का उत्पादन करते हैं। बगैर वैरिफिकेशन ऑर्गेनिक उत्पादन के सर्टिफिकेट जारी किए गए। जांच कराकर दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्रवाई करें।

यह घोटाला भले ही मध्य प्रदेश से उजागर हुआ हो, लेकिन इसकी जड़ें पूरे देश में फैली हुई हैं। प्रधानमंत्री जी देश भर में ऑर्गेनिक उत्पादों को प्रमाण पत्र देने का काम कर रहे हैं। सभी सर्टिफिकेशन बॉडीज की ओर से जारी सर्टिफिकेट की निष्पक्ष जांच करवाएं।


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