लाखों रुपए खर्च, फिर भी नहीं मिला मातृत्व सुख: 2 IVF क्लिनिक और 2 डॉक्टर के लाइसेंस निलंबित करने की अनुशंसा करेगा महिला आयोग

2 IVF क्लिनिक और 2 डॉक्टर के लाइसेंस निलंबित करने की अनुशंसा करेगा महिला आयोग
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रायपुर। लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद महिला मातृत्व सुख नहीं प्राप्त कर पाईं। इसकी शिकायत महिला आयोग में करते हुए महिला ने कहा कि मातृत्व सुख प्राप्त करने के लिए 2 आईवीएफ क्लिनिक में लाखों रुपए खर्च किए। फिर भी उन्हें मनमाफिक नतीजे नहीं मिले।

इस मामले में मंगलवार को आयोग में सुनवाई के दौरान अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने कहा, महिलाएं मां बनने की चाह में आईवीएफ अस्पताल जाती हैं। जहां पर उन्हें मां बनने के सुनहरे सपने दिखाकर लाखों रुपए लिए जाते हैं।

ऐसे में आयोग द्वारा शासन एवं ऑल इंडिया मेडिकल काउंसिल को अनुशंसा की जाएगी कि ऐसे अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। आयोग ने कहा कि जरूरत पडऩे पर दोनों आईवीएफ क्लिनिकों और 2 डॉक्टरों के लाइसेंस निलंबित करने की अनुशंसा की जाएगी।

ये है मामला

महिला आयोग से मिली जानकारी के अनुसार, एक महिला ने आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी कि आईवीएफ हॉस्पिटल द्वारा उसे मातृत्व सुख का झांसा देकर लाखों रुपए लूट लिया गया। पीडि़ता के 11 भ्रूणों को अस्पताल में लापरवाही से नष्ट कर दिया गया। पीडि़ता ने बताया कि मां बनने की चाह में उसका आईवीएफ क्लिनिक में कुल 18 लाख रुपए खर्च हुए।

आयोग का फैसला

1. एक माह के अंदर अनावेदिका क्रमांक-1, आवेदिका को भ्रूण प्रत्यारोपण कर मां बनने की प्रक्रिया प्रारंभ करें।

2. भ्रूण प्रत्यारोपण नहीं किए जाने की दशा में अनावेदिका क्रमांक-1, आवेदिका के हुए खर्च 18 लाख रुपए एवं 2,80,000 रुपए वापस करे।

3. अनावेदिका क्रमांक-2 भी 2,80,000 रुपए की देनदारी में संयुक्त रूप से जिम्मेदार होगी।

आदेश का पालन नहीं करने पर लेंगे एक्शन

आयोग के आदेश का अनावेदिकागणों द्वारा अपालन की दशा में दोनों क्लिनिक का लाइसेंस समाप्त किए जाने की अनुशंसा ऑल इण्डिया मेडिकल काउंसिल, नई दिल्ली, छत्तीसगढ़ राज्य मेडिकल काउंसिल व सचिव स्वास्थ्य विभाग राज्य शासन छत्तीसगढ़ को की जाएगी। दोनों अनावेदकगण मिलकर आवेदिका को 2,80,000 रुपए संयुक्त रूप से 1 माह के अंदर आयोग के समक्ष देंगे।


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