CGMSC Scam: सैंपल कलेक्शन ट्यूब की खरीदी में बड़ा गोलमाल, 8 रुपये ट्यूब को 2352 रुपये में खरीदा

सैंपल कलेक्शन ट्यूब की खरीदी में बड़ा गोलमाल
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सैंपल कलेक्शन ट्यूब की खरीदी में बड़ा गोलमाल

Sample Collection Tubes Purchase Scam in CGMSC Scam : रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल कार्पोरेशन में घोटाले मामले की जांच में एक-एक कलई खुलती जा रही है। अब जानकारी सामने आई है कि, ब्लड सैंपल को कलेक्ट करने के लिए उपयोग की जाने वाली ईडीटीए ट्यूब की खरीदी में भी बड़ा गोलमाल हुआ है। जांच में सामने आया है कि, आठ रुपये में मिलने वाली ट्यूब को 2352 रुपये की कीमत पर खरीदा गया था।

जानकारी के अनुसार, EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) ने एफआईआर में रिएजेंट घोटाले से अलग इस खरीदी पर भी प्रकरण दर्ज किया है। सीजीएमएससी ने मोक्षित कार्पोरेशन से EDTA Tube (एथिलीन डायमाइन टेट्राएसेटिक एसिड) 2,352 रुपये प्रति नग की कीमत से खरीदा था।

वहीं, दूसरे राज्य के दवा निगम द्वारा ईडीटीए ट्यूब को अधिकतम 8 से 9 रुपये की दर से खरीदा गया है। बता दें कि CGMSC द्वारा जनवरी 2022 से 31 अक्टूबर 2023 तक अरबों रुपये की खरीदी मोक्षित कार्पोरेशन और सीबी कार्पोरेशन के साथ की गई है।

इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज

रिएजेंट घोटाले में ईओडब्लू ने सीजीएमएससी के अधिकारी कर्मचारी के साथ मोक्षित कार्पोरेशन, रिकॉर्ड्स और मेडिकेयर सिस्टम, श्री शारदा इंडस्ट्रीज, सीबी कार्पोरेशन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

ऑडिट रिपोर्ट में पकड़ाई गड़बड़ी

कांग्रेस शासन काल में स्वास्थ्य विभाग के सीजीएमएससी ने मोक्षित कॉरपोरेशन के माध्यम से गड़बड़ी की। दो साल की ऑडिट ऑब्जर्वेशन रिपोर्ट में सामने आया था। ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक करोड़ों की गड़बड़ी की गई है। मिली जानकारी के अनुसार इस पूरे मामले को लेकर 660 करोड़ रुपए के गोलमाल को लेकर भारतीय लेखा एवं लेखा परीक्षा विभाग के प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल (ऑडिट) आईएएस यशवंत कुमार ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार पिंगआ को पत्र लिखा था।

ये हुए खुलासे

1. सीजीएमएससी ने बिना बजट आवंटन के 660 करोड़ रुपये की खरीदी की।

2. आवश्यकता से अधिक केमिकल और उपकरण खरीद कर नियम-कानूनों को ताक पर रखकर ऐसे अस्पतालों में सप्लाई की गई, जहां इनकी कोई आवश्यकता नहीं थी।

3. 776 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को सप्लाई की गई जिनमें से 350 से अधिक केंद्रों में न तो तकनीकी सुविधा थी और न ही भंडारण व्यवस्था। इसके आलावा स्वास्थ्य विभागने उपकरणों और रीएजेंट की मांग पत्र बिना बेसलाइन सर्वेक्षण और अंतर विश्लेषण के जारी किए।

बता दें कि, सीजीएमएससी द्वारा की गई खरीदारी में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं का जांच में पर्दाफाश हुआ है, जिनसे राज्य सरकार के खजाने को भारी नुकसान हुआ है। सीजीएमएससी ने बिना बजट आवंटन के स्वास्थ्य विभाग के लिए 660 करोड़ रुपये की दवाइयां और उपकरण खरीदी थीं। इनमें से अधिकांश उत्पाद जरूरत से ज्यादा थे और कई अस्पतालों में इनका उपयोग नहीं किया गया।

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