गजब का घोटाला: न टेक्निशियन नियुक्त हुआ और न ही खुला लैब, फिर भी खरीदे करोड़ों के उपकरण

न टेक्निशियन नियुक्त हुआ और न ही खुला लैब, फिर भी खरीदे करोड़ों के उपकरण
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  • जिन अस्पतालों में टेक्निशयन और जगह नहीं वहां के लिए भी सीजीएमएससी से खरीदी गई मशीन
  • लाखों की एक्सरे मशीन फांक रही है धूल
  • जिन लैबों में जांच की सुविधा नहीं, वहां भी लगाए गए मशीन
  • सीजीएमएससी में 411 करोड़ के घोटाले का मामला

CGMSC Scam : रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन 411 करोड़ के मेडिकल उपकरण और रिएजेंट खरीदी में बड़े घोटाले को लेकर चर्चा में है। राजधानी रायपुर के कई सामुदायिक केंद्र और हमर अस्पतालों में जांच मशीनों की आपूर्ति को लेकर विवाद गहराया हुआ है।

दरअसल सीजीएमएससी ने टेंडर जारी कर राजधानी के सभी हमर अस्पतालों में एक्सरे मशीन, खून जांच मशीन, सोनोग्राफी मशीन समेत अन्य कई प्रकार के मशीन लगा तो दिए गए हैं। लेकिन किसी अस्पताल में टेक्नीशियन की भर्ती नहीं हो पाई है तो कहीं मशीन रखने की जगह तक नहीं है।

इसके आलावा जिन हमर लैब के लिए आवश्यक रीएजेंट व दूसरे उपकरणों की खरीदी की जा रही थी, उनमें से आधे से ज्यादा खुले ही नहीं हैं। इसके बावजूद बल्क में सामग्री खरीद ली गई। भारी कमीशन के एवज में वहां भी सामान की सप्लाई करवा दी गई, जहां जांच की सुविधा ही नहीं थी।

14 जिलों में हमर लैब नहीं, फिर भी खरीदी

घोटाले की शुरुआत हमर लैब स्थापना के समय से हुई है। राज्य के 27 जिला अस्पताल और 41 विकासखंडों के सामुदायिक स्वास्थ केंद्रों में हमर लैब खोले जाने थे। अब तक 14 जिलों में इसकी शुरुआत ही नहीं हो पाई है। वहीं जिन स्थानों पर इसका संचालन हो रहा है, वहां सुविधा आधी-अधूरी है। जनवरी 2022 में संचालक स्वास्थ सेवा ने मशीन और रीएजेंट की आपूर्ति करने सीजीएमएससी को पत्र भेजा और यही से घोटाले की शुरुआत हुई।

ये है उपकरण खरीदी के नियम

डीएचएस की कमेटी जिला स्तर पर स्वास्थ्य केंद्रों की आवश्यकता और वहां मौजूद सुविधाओं का आकलन कर डिमांड तैयार करती है। उसी आधार पर सप्लायर एजेंसी को क्रय आदेश जारी किया जाता है। कमीशनखोरी के चक्कर में इस व्यवस्था को दरकिनार कर दिया गया और मार्च-अप्रैल 2023 में करोडों के रीएजेंट सहित अन्य उपकरणों की एक साथ खरीदी का आदेश जारी कर दिया था।

स्वास्थ्य केंद्रों में सुरक्षित भंडारण की व्यवस्था नहीं थी, इसके बावजूद वहां थोक में रीएजेंट थोप दिए गए। हार्ट, किडनी से संबंधित बीमारियों की जांच में काम आने वाले रीएजेंट की स्वास्थ्य केंद्रों को जरूरत नहीं थी, इसलिए वहां पड़े-पड़े करोड़ों का सामान खराब हो गया।

इन अस्पतालों में नहीं हो रहा मशीनों का उपयोग

भाटागांव हमर अस्पताल

राजधानी के भाटागांव हमर अस्पताल में सीजीएमएससी द्वारा 3 साल पहले ही एक्सरे मशीन लगा दिया गया था। जिस समय मशीन लगाई गई थी, तब से लेकर अब तक इसके संचालन के लिए टेक्नीशियन की भर्ती नहीं हुई है। लाखों की मशीन पड़े-पड़े धूल फांक रहा है।

खोखोपारा हमर अस्पताल

खोखोपारा हमर अस्पताल में मशीन को रखने के लिए जगह नहीं है। इसके बावजूद सीजीएमएससी ने बिना किसी जांच-पड़ताल के इस अस्पताल में एक्सरे मशीन लगा दिया। अस्पताल की प्रभारी ने बताया कि जिस जगह में उस मशीन को रखा गया है उसको चलाने के लिए यहां पर्याप्त जगह नहीं है। एक बार भी एक्सरे मशीन का उपयोग नहीं किया गया है। जबकि इस अस्पताल में इस मशीन को चलाने के लिए टेक्निशयन भी है।

राजातलाब हमर अस्पताल

राजातालाब हमर अस्पताल में जगह की कमी रहने के कारण यहां के प्रभारी ने एक्सरे मशीन को वापस भेज दिया था। यहां अभी बाकी अन्य छोटे जांच मशीन लगाए गए हैं। जिसका संचालन होने का दावा अस्पताल प्रबंधन कर रही है।

ईओडब्ल्यू की छापेमारी और गिरफ्तारियां

27 जनवरी को ईओडब्ल्यू ने रायपुर और दुर्ग में मोक्षित कॉर्पोरेशन के ठिकानों पर छापा मारा। इसके अलावा हरियाणा के पंचकुला में भी कई स्थानों पर छापेमारी की गई। टीम ने शशांक चोपड़ा के भाई और रिश्तेदारों के घर तथा कार्यालयों से दस्तावेज जब्त किए। वहीं शनिवार को सीजीएमएससी के 5 अधिकारियों को गिरफ्तार कर ईडब्ल्यू ने रिमांड पर लिया है।

वर्जन

सीजीएमएससी में विविध मामलों के संबंध में मामला दर्ज किया गया है। इसमें सीजीएमएससी द्वारा जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, वे केवल वेतनभोगी कर्मचारी थे। गठित समिति के सदस्य जो थे, उनका काम से कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संबंध नहीं था। न्यायालय के समक्ष यही प्रकरण प्रस्तुत किया गया, लेकिन न्यायालय ने उनकी 7 दिन की रिमांड स्वीकृत कर ली है। रिमांड के बाद, हम फिर से जमानत के लिए आवेदन करेंगे। विवेचना में सहयोग के लिए उन्हें रिमांड में लिया गया है।

-अखिलेश सोनी, आरोपी पक्ष के वकील

वर्जन

मशीन आवंटित करने का काम सीजीएमएससी का है। खोखोपारा हमर अस्पताल में भवन निर्माण का काम लगभग पूरा हो गया है, वहां जल्द ही इसे चालू किया जाएगा। भाटागांव समेत जिन अस्पतालों में टेक्निशयन नहीं है उसके लिए जीवनदीप से टेक्निशयन ढूंढा जा रहा है। वहां भी जल्द ही इसे चालू किया जाएगा।

- डॉ. मिथिलेश चौधरी, सीएमएचओ, रायपुर

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