अबूझमाड़ मुठभेड़ के बाद आरोप-प्रत्यारोप: नक्सली बोले- ग्रामीणों को बनाया निशाना; जवानों ने कहा- माओवादी गांव वालों को बना रहे ढाल

नक्सली बोले- ग्रामीणों को बनाया निशाना; जवानों ने कहा- माओवादी गांव वालों को बना रहे ढाल
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Chhattisgarh Abujhmad Encounter : बस्तर। छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में 12 दिसंबर को हुई मुठभेड़ में लगातार खुलासे हो रहे है। इस मुठभेड़ के बाद जवानों और नक्सलियों द्वारा एक- दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं। नक्सलियों ने मुठभेड़ के बाद पर्चा जारी कर कहा कि, जवानों द्वारा ग्रामीणों को निशाना बनाया जा रहा है तो वहीं सुरक्षाबालों का कहना है कि, नक्सली ग्रामीणों को अपनी ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।

मोस्ट वांटेड नक्सली समेत सात नक्सली हुए ढेर

बस्तर आईजी सुंदरराज पी (Bastar IG Sundarraj P) ने प्रेस कॉन्फ्रंस कर बताया कि अबूझमाड़ मुठभेड़ में कुल सात नक्सली मारे गए थे। इसमें मारे गए सभी नक्सलियों के ऊपर लगभग 40 से 45 लाख का इनाम घोषित था। नक्सली रामचन्द्र उर्फ कार्तिक भी इस एनकाउंटर में ढेर हुआ था, जिसके ऊपर 25 लाख रुपये का इनाम था। बता दें कि, नक्सली कार्तिक ओडिशा का मोस्ट वांटेड नक्सली था।

नक्सली कमांडर को बचाने के लिए ग्रामीणों को बनाया ढाल

बस्तर आईजी ने कहा कि इस एनकाउंटर में चार नाबालिग लड़के घायल हुए हैं। फिलहाल उनका इलाज कराया जा रहा है। नक्सल संगठन के मिलिशिया और ग्राम रक्षादल के द्वारा वरिष्ठ नक्सल कैडर कार्तिक की जान बचाने की कोशिश की गई। इसके लिए माओवादियों ने नाबालिग और ग्रामीणों का मानव ढाल के रूप में उपयोग किया। माओवादियों के द्वारा ग्रामीणों को सामान ढोने के लिए रखा गया था। मुठभेड़ के दौरान माओवादी इन्हीं ग्रामीणों की आड़ लेकर जवानों पर फायरिंग कर रहे थे, जिससे फायरिंग में 4 ग्रामीण घायल हो गए।

नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर लगाए ये आरोप

अबूझमाड़ एनकाउंटर को लेकर नक्सल संगठनों ने भी प्रेस नोट जारी किया है। उन्होंने सुरक्षाबलों पर निर्दोष ग्रामीणों को घेरकर मारने का आरोप लगाया है। पुलिस प्रशासन ने नक्सलियों के आरोपों का खंडन किया है। बस्तर आईजी ने नक्सलियों पर आरोप लगाया है कि माओवादी कार्तिक को बचाने के लिए नक्सलियों ने नाबालिग लड़कों को आगे किया और वो फायरिंग में घायल हो गए।


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