छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र: सदन में गूंजा धान खरीदी का मुद्दा; जल जीवन मिशन अनियमितता पर घिरे PHE मंत्री, विपक्ष का हंगामा

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Chhattisgarh Assembly Winter Session : रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में शीतकालीन सत्र की कार्यवाही जारी है। कार्यवाही के पहले दिन सदन में धान खरीदी का मुद्दा गूंजा है। वहीं सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा, धान खरीदी को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने चर्चा के दौरान जल जीवन मिशन में अनियमितता का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि धमतरी जिले के कई गांवों में गड़बड़ी की गई, ग्रामीणों को नल कनेक्शन नहीं मिला।

अब जल स्त्रोत की व्यवस्था की जा रही

चर्चा के दौरान जल जीवन मिशन में अनियमितता के मुद्दे पर पीएचई मंत्री अरुण साव ने बताया कि पहले जल स्त्रोत की व्यवस्था करने के बाद ढांचा बनाए जाने के नियम है, लेकिन प्रदेश में 994 टंकियां बनाने के बाद अब जल स्त्रोत की व्यवस्था की जा रही है।

बिलासपुर में अवैध कब्जे का मुद्दा

प्रश्न काल में भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने बिलासपुर में अवैध कब्जे का मामला उठाया। साल 2021 से अब तक बिलासपुर जिले में हुए अवैध कब्जे पर राजस्व मंत्री से सवाल पूछा, उन्होंने कहा कि राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने सदन में माना कि बिलासपुर जिले में हुआ है।

जवाब में मंत्री ने कहा कि 2021 से 25 नवंबर 2024 तक जिले में 563 शिकायत मिली है। 256 मामले में सरकारी जमीन को अविध कब्जे से मुक्त कराया गया। अभी 307 जमीनों में कब्जे के मामले न्यायलय में चल रहे है। कब्जाधारियों को नोटिस भी दिया गया है। जमीन खाली कराए जाने की समय सीमा बता पाना संभव नही।

धान खरीदी पर बोले भूपेश बघेल

शून्यकाल में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धान खरीदी में अव्यवस्था का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने धान खरीदी में ध्यान नहीं दिया, जो व्यवस्था थी उसको बर्बाद कर दिया है। बारदाने की कमी, धान खरीदी में ऑनलाइन और ऑफलाइन के चक्कर मे किसान परेशान है। 16 दिसम्बर हो गई, लेकिन अब तक एक तिहाई धान नही खरीदा गया। राइस मिलरर्स हड़ताल पर हैं, परिवहन हो नहीं रहा है। खरीदी केंद्रों में धान जाम है और कई जिलों में धान का उठाव नहीं हो रहा।

आय-व्यय की मांगों पर कल होगी चर्चा

गौरतलब है कि, राज्य सरकार की ओर से 2024-25 का द्वितीय अनुपूरक बजट भी पेश होगा। आय-व्यय की मांगों पर मंगलवार को चर्चा होगी। इस दौरान चार संशोधन विधेयक पेश किए जा सकते हैं। सत्र में भाजपा ने पीएससी भर्ती घोटाला, डीएमएफ घोटाला, शराब घोटाला और कोल परिवहन घोटाला जैसे मुद्दों को लेकर कांग्रेस को घेरने की रणनीति बनाई है। वहीं सरकार 814 सवालों का जवाब देगी। सत्र के दौरान विधायक अपनी तनख्वाह बढ़वाने की मांग कर सकते हैं।



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