CG पंचायत चुनाव: गांव की सरकार चुनने मतदाताओं में रहा उत्साह, नक्सलियों का खौफ खत्म
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गांव की सरकार चुनने मतदाताओं में रहा उत्साह, नक्सलियों का खौफ खत्म
CG पंचायत चुनाव : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण में सोमवार को प्रदेश भर में मतदाताओं का उत्साह देखते ही बना। कोई बुजुर्ग लाठी टेककर मतदान केंद्र पहुंचा तो कोई व्हीलचेयर पर आया। किसान भी गांव की सरकार चुनने के लिए खेतों को छोड़ पोलिंग स्टेशनों पर कतारों में खड़े नजर आए।
खास बात यह रही कि नक्सलवाद का दंश झेल रहे बस्तर में भी मतदाताओं ने जबरदस्त मतदान किया। पहले चरण में राज्य भर में दोपहर ढाई बजे तक की स्थिति में रायपुर जिले में 49.32 फीसद और प्रदेश भर में 45.52 फीसद मतदान हुआ। इसी प्रकार बिलासपुर जिले में 38.30 प्रतिशत मतदान, धमतरी जनपद में 52.31 प्रतिशत और मगरलोड जनपद में 49.96 प्रतिशत मतदान हुआ है। वहीं सरगुजा में 53.07 प्रतिशत, रायगढ़ में 41.34 प्रतिशत, दुर्ग में 45.19 प्रतिशत, कांकेर में 53.57 प्रतिशत, नरहरपुर में 48 .50 प्रतिशत और चारामा में 57.28 प्रतिशत मतदान हुआ है। मंगलवार 18 फरवरी को पहले चरण के मतदान की मतगणना होगी और परिणाम सामने आ जाएंगे।
नक्सलियों का खौफ खत्म
बीजापुर में सुबह सात बजे से ही मतदान केंद्रों में महिलाओं की लंबी भीड़ नजर आई। इसी प्रकार नक्सल प्रभावित गंगालूर, रेड्डी, पुसनार, चेरपाल, पालनार जैसे इलाकों में मतदान को लेकर ग्रामीणों में गजब का उत्साह देखने को मिला। कभी नक्सलियों के खौफ से गंगालूर जैसे इलाकों में पोलिंग बूथों पर सन्नाटा रहता था। नक्सली चुनाव से पहले ही चुनाव बहिष्कार की धमकी जारी कर लोगों में दहशत फैला दिया करते थे। अब बस्तर में बढ़ते विकास और फोर्स के नए कैंपों की मदद से नक्सली पूरी तरह से सिमट कर रह गए हैं। सुरक्षा का दायरा बढऩे से लोगों में सुरक्षा की भावना बढ़ी है।
53 ब्लाकों में हुआ मतदान
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण के मतदान में 53 ब्लाकों में मतदान हुआ। इसके लिए 9873 मतदान केंद्र बनाए गए। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। पंच पद के लिए 60 हज़ार 203 प्रत्याशी, सरपंच पद हेतु 14 हज़ार 646 प्रत्याशी, जनपद पंचायत सदस्य हेतु 4 हज़ार 587 प्रत्याशी और जिला पंचायत सदस्य के लिए 702 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। पहले चरण में 27210 पंच, 3605 सरपंच और 911 जनपद सदस्य व 149 जिला पंचायत सदस्यों के लिए वोट डाले गए।
नेताओं के रिश्तेदार भी लड़ रहे चुनाव
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बहुत से नेताओं के रिश्तेदार भी चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री तुलेश्वर सिंह के बेटे सतवंत सिंह कोर्राम, पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी विधायक रेणुका सिंह की बेटी चुनाव लड़ रही हैं। इसके साथ ही पूर्व मंत्री रामसेवक पैकरा की पत्नी शशि पैकरा और बेटे लवकेश पैकरा चुनाव लड़ रहे हैं। इसके साथ ही पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर की बहू निर्मला कंवर जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनावी मैदान में हैं।
दूसरे चरण का मतदान 20 को
दूसरे चरण के मतदान के लिए 20 फरवरी को मतदान किया जाएगा। इसमें 43 खंड शामिल है जिनमें बिल्हा, पेंड्रा, लोरमी, नवागड़, मालखरौदा, पोड़ी- उपरोड़ा, खरसिया, धरमजयगढ़, बिलाईगढ़, रामानुजगंज, प्रेमनगर,बलरामपुर, सीतापुर, मैनपाट, मनेंद्रगढ़, जशपुर, मनोरा, दुलदुला, कुनकुरी, धरसीवां, तिल्दा नेवरा, कसडोल, छुरा, पिथौरा, बागबहरा, कुरुद, पाटन, बालोद, छुरिया, खैरागढ़, मोहला, बोड़ला, पंडरिया, फरसगांव, माकड़ी, बस्तर, लोहंडीगुड़ा, भानूप्रतापुर, दुर्गकोंदल, कटेकल्याण, छिंदगढ़, भोपालपट्टनम व ऊसूर में मतदान होगा।
मतदान करने पति के साथ बाइक में पहुंची मंत्री राजवाड़़ेे
सूरजपुर में महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े अपने पति के साथ बाइक में बैठकर सूरजपुर ब्लॉक के अपने गृहग्राम वीरपुर के मतदान केंद्र पहुंचीं और आम मतदाताओं के साथ कतार में लगकर मतदान किया। उन्होंने पंचायतों में भी भाजपा समर्थित प्रत्याशियों के जीत का दावा किया।
जनता ने चुना विकास का मार्ग, हिंसा को दिखाया बाहर का रास्ता: मुख्यमंत्री साय
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि बस्तर में जनता ने विकास का मार्ग चुना है और हिंसा को बाहर का रास्ता दिखाया है। उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन राज्य और केंद्र सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति, सतत विकास कार्यों और सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था का परिणाम है। यह केवल एक चुनाव नहीं, बल्कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोकतंत्र के प्रति बढ़ते विश्वास और भयमुक्त समाज की दिशा में बढ़ते कदमों का प्रमाण है। बस्तर में पंचायत चुनावों का नक्सलियों द्वारा कोई विरोध नहीं किया जाना क्षेत्र में 40 से अधिक नवीन सुरक्षा कैंपों की स्थापना और सरकार द्वारा ग्रामीणों में विश्वास बहाल करने की रणनीति का परिणाम है।
राज्य में मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, दंतेवाड़ा और गरियाबंद जिलों में भी मतदान को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा गया। बीजापुर के पुसनार, गंगालूर, चेरपाल, रेड्डी, पालनार जैसे क्षेत्रों में ग्रामीणों ने निर्भीक होकर मतदान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर में नक्सलवाद के खात्मे की प्रक्रिया अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राज्य सरकार बस्तर के नागरिकों को विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं से जोडऩे के लिए संकल्पित है। बस्तर में सड़कें, पुल, स्कूल, अस्पताल और रोजगार परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे ग्रामीणों का शासन और लोकतंत्र पर विश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा कि बस्तर में गनतंत्र के ऊपर गणतंत्र की विजय हो रही है। यह उन सभी ग्रामीणों की जीत है, जिन्होंने भय को त्यागकर लोकतंत्र को अपनाया। यह सुरक्षाबलों के परिश्रम, सरकार की दूरदृष्टि और जनभागीदारी का प्रतिफल है।