धरती को बचाने उठाया डिजिटल कदम: पेड़ अब खुद बताएंगे अपनी कहानी, QR कोड से जानिए उनकी पहचान

पेड़ अब खुद बताएंगे अपनी कहानी, QR कोड से जानिए उनकी पहचान
X

महासमुंद। जिले के बागबहरा ब्लॉक के धरमपुर सम्हार स्थित एक शासकीय प्राथमिक विद्यालय ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अनूठा कदम उठाया है। यहां पौधों पर लगाए गए क्यूआर कोड के माध्यम से अब पौधे खुद अपनी जानकारी साझा कर रहे हैं। गूगल लेंस से इन कोड्स को स्कैन करने पर पौधे का नाम, बढऩे की स्थिति, औषधीय गुण, पोषण संबंधी जानकारी आदि मोबाइल स्क्रीन पर दिखाई देती है।

विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापिका रिंकल बग्गा द्वारा विकसित इस परियोजना का नाम 'मिशन लाइफÓ है। यह विचार उन्हें तीन साल पहले आया था, जिसे उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर आधारित एक वेबिनार के बाद सक्रिय रूप से लागू करना शुरू किया। उन्होंने इस तकनीक का एक वीडियो भी संबंधित अधिकारियों के साथ साझा किया है, जिससे अन्य शिक्षकों को भी प्रेरणा मिली है।

15 पौधों पर क्यूआर कोड किया गया जनरेट

विद्यालय परिसर में पहले ही 15 प्रमुख पौधों पर क्यूआर कोड लगाए जा चुके हैं। सहायक शिक्षक जनक राम ध्रुव ने बताया कि इस पहल में विद्यार्थियों और अभिभावकों की भागीदारी उत्साहजनक रही है। बच्चे मोबाइल उपकरण लेकर आते हैं और पौधों की जानकारी स्कैन करके सीखते हैं, जिससे नई शिक्षा नीति के तहत स्वतंत्र और व्यावहारिक शिक्षा को बढ़ावा मिल रहा है।

पार्कों में लगे पौधों के लिए तैयार किया जाएगा QR कोड

22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर प्रदेश के सभी शासकीय, सहायता प्राप्त एवं निजी विद्यालयों में यह नवाचार अपनाया जाएगा। इस अवसर पर विद्यार्थी विद्यालय एवं आसपास के पार्कों में लगे पौधों के लिए क्यूआर कोड तैयार करेंगे, जिससे प्रत्येक पौधा एक अनोखी पहचान प्राप्त करेगा।

यह कार्यक्रम 22 अप्रैल से 30 अप्रैल तक मनाया जाएगा। विद्यालयों को मिशन लाइफ पोर्टल पर अपने इको क्लब की जानकारी, नोडल अधिकारी और छात्र प्रतिनिधियों को पंजीकृत करना अनिवार्य है। साथ ही सभी गतिविधियों को जियो-टैग्ड फोटो और वीडियो के साथ पोर्टल पर अपडेट करना होगा।

मां के नाम एक पेड़ अभियान

इस नौ दिवसीय कार्यक्रम में 'मां के नाम एक पेड़' अभियान, बीज बॉल रोपण, गर्मी में पेड़ों को पानी देने की योजना, सामूहिक वृक्षारोपण और स्वच्छता अभियान जैसे कार्य शामिल हैं। इसके अलावा वर्षा जल संचयन, कचरा प्रबंधन, प्लास्टिक साक्षरता, पोषण वाटिका निर्माण और पर्यावरण जागरूकता रैलियों का आयोजन भी किया जाएगा। राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा द्वारा यह पहल पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की जा रही है।



Tags

Next Story