Raipur News: नंदनवन जंगल सफारी में बाघ शावक की मौत, बेजुबानों की संदिग्ध मौत से प्रबंधन पर उठ रहे सवाल

नंदनवन जंगल सफारी में बाघ शावक की मौत, बेजुबानों की संदिग्ध मौत से प्रबंधन पर उठ रहे सवाल
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  • बाघिन ने दिया था दो बच्चों को जन्म, एक की पहले हो चुकी मौत
  • सफारी में नहीं थम रहा बेजुबानों की मौत का सिलसिला

Death of Tiger Cub in Nandanvan Jungle Safari :रायपुर, स्वदेश। नंदनवन जंगल सफारी में बुधवार को एक बाघ शावक की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि काफी दिनों से इस शावक की तबीयत खराब थी। सफारी में लगातार बेजुबानों की संदिग्ध मौत से प्रबंधन पर सवाल उठ रहे हैं। इससे पहले 17 चौसिंगा की संदिग्ध मौत से सफारी प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लगे थे।

जंगल सफारी प्रबंधन के अनुसार, जोन क्षेत्र में स्थित बाघिन बिजली द्वारा 6 अप्रैल को दो बाघ शावकों को जन्म दिया गया था। इनमें से एक शावक जन्म के समय ही मृत अवस्था में था, जबकि दूसरा शावक अत्यंत कमजोर स्थिति में था। नवजात शावक की स्थिति को ध्यान में रखते हुए उसे लगातार निगरानी में रखा गया। 13 अप्रैल को यह पाया गया कि शावक दिन में केवल एक बार ही दूध पी रहा है।

इसे देखते हुए सफारी के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. जय किशोर जडिय़ा द्वारा शावक एवं उसकी मां पर निरंतर निगरानी के निर्देश दिए गए। उसकी स्थिति को देखते हुए दोपहर लगभग 3.20 बजे उसे मां से पृथक कर नियोनाटल केयर सेंटर में लाकर उसके स्वास्थ का परीक्षण किया गया।

बाघ शावक की आंखें अभी नहीं खुली थी। उसके शरीर का तापमान 92 डिग्री फॉरेनहाइट (33.3 सेल्सियस) पाया गया, जो सामान्य से काफी कम था। उपचार के दौरान ही 8 दिन के शावक ने दोपहर में दम तोड़ दिया।

17 चौसिंगा की हुई थी संदिग्ध मौत

मालूम हो कि इससे पहले पिछले वर्ष जंगल सफारी में अज्ञात कारणों से 17 चौसिंगा हिरणों की भी मौत हुई थी। कई दिनों तक चौसिंगा की मौत का सिलसिला चलता रहा और प्रबंधन मामले को दबाने में जुटा रहा। चौसिंग की मौत की भी कोई ठोस वजह प्रबंधन नहीं बता पाया।


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