भारत को गर्व है वैशाली और प्रज्ञानानंद पर, बन गई पहली भाई-बहन ग्रैंडमास्टर जोड़ी
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इच्छा शक्ति यदि कुछ कर गुजरने की प्रबल हो तो आप बड़े से बड़ा कार्य अपने संकल्प के सामर्थ्य से कर गुजरते हैं। एक घर में पिता ने बच्चों को जो दिशा दिखाई और माता ने उन्हें उस सपने को पूरा करने के लिए जमीन तैयार की, तब जाकर उसका परिणाम यह आया कि एक ही घर के दो बच्चे जोकि आपस में भाई-बहन हैं दुनिया की पहली भाई-बहन ग्रैंडमास्टर जोड़ी बनने में कामयाब हो गए। इसी के साथ इस कारनामे को कर गुजरने के लिए हमेशा-हमेशा के लिए उनका नाम इतिहास में दर्ज हो गया है। आज इन दोनों पर पूरा देश गर्व महसूस कर रहा है, इन दिनों भाई-बहन की इस जोड़ी ने चेस में भारत का परचम पूरे विश्व में फहरा रखा है।
स्पेन के एल लोब्रेगाट ओपन में ग्रैंडमास्टर खिताब हासिल किया
भारतीय चेस खिलाड़ी आर. वैशाली स्पेन के एल लोब्रेगाट ओपन में ग्रैंडमास्टर खिताब हासिल करने वाली देश की तीसरी महिला खिलाड़ी बनने के साथ ही अपने भाई आर. प्रज्ञानानंद के साथ मिलकर दुनिया की पहली भाई-बहन ग्रैंडमास्टर जोड़ी बन गई हैं। वैशाली ने अक्टूबर में कतर मास्टर्स टूर्नामेंट में तीसरी जीएम नॉर्म हासिल की थी और उन्हें अपनी ईएलओ रेटिंग बढ़ाने की जरूरत थी। ऐसे में चेन्नई की 22 वर्षीय वैशाली ने स्पेन में दूसरे राउंड में तुर्की की तैमर तारिक सेल्बेस को हरा दिया और यह उपलब्धि हासिल कर ली । वैशाली ने यह उपलब्धि 2500 ईएलओ रेटिंग अंक पार करने के बाद मिली और इसी के साथ वे देश की 84वीं ग्रैंडमास्टर (जीएम) बनी हैं।
इस तरह प्रज्ञानानंदा और वैशाली विश्व चैम्पियनशिप मैच के लिए क्वालीफाइंग टूर्नामेंट कैंडिडेट्स में जगह बनाने वाली पहली भाई-बहन की जोड़ी भी बन कर आज विश्व के सामने उभरी है। वैशाली के छोटे भाई प्रज्ञानानंदा ने 2018 में जीएम खिताब हासिल किया था जब यह सिर्फ 12 वर्ष आयु के थे । आगे कैंडिडेट्स टूर्नामेंट अप्रैल 2024 में टोरंटो में खेला जाएगा। उनकी इस उपलब्धि पर कई दशकों तक भारत का नाम चेस की दुनिया में रोशन करते रहे पूर्व विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर वैशाली को जीएम बनने की बधाई दी है।
पूर्व विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद ने उनके लिए कहा - वैशाली ने की है कड़ी मेहनत
पद्मविभूषित विश्वनाथन आनंद ने लिखा, 'पिछले कुछ महीनों में वैशाली ने काफी मेहनत की है और यह अच्छा संकेत है क्योंकि वह कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए तैयारी कर रही है। उनके माता-पिता को बधाई। वैशाली के पिता रमेशबाबू खुद एक चेस खिलाड़ी हैं और उन्होंने ही अपने बच्चों को इस खेल में आने के लिए प्रोत्साहित किया है।' एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'कुछ के लिए दान करने की प्रवृत्ति घर से शुरू होती है और कुछ लोगों के लिए यह प्रतिस्पर्धा भी घर से ही शुरू होती है... प्रज्ञानानंदा और वैशाली दोनों को प्रणाम है। आप दोनों ने देश को गौरवान्वित किया है!'
इस तरह बढ़ती रहीं हैं चेस की दुनिया में आगे
इनके शतरंज केरियर के उतार-चढ़ाव को देखें तो वैशाली आर 2023 के अंमित माह दिसम्बर में विश्व रैंकिंग में शीर्ष 15 महिला खिलाड़ियों में शीर्ष पर हैं। 2023 में, उन्होंने महिला विश्व चैम्पियनशिप उम्मीदवार बनने के लिए एफआईडीई ग्रैंड स्विस जीता। वैशाली दो बार की युवा चैंपियन रहीं । उन्होंने 2012 में गर्ल्स अंडर-12 प्रतियोगिता और 2015 में गर्ल्स अंडर-14 प्रतियोगिता जीती थी। जब वह 12 साल की थी, लगभग 2000 की एफआईडीई रेटिंग के साथ, चेस की दुनिया में अपना बेहतर प्रदर्शन किया। वैशाली ने 2018 में रीगा टेक्निकल यूनिवर्सिटी ओपन में अपना अंतिम मानदंड हासिल करते हुए अपना डब्ल्यूजीएम खिताब अर्जित किया।
एक वर्ष में किसी बड़ी उपलब्धि तक पहुंचनेवाली पहली भाई-बहन जोड़ी भी है ये
वह 2020 महिला स्पीड शतरंज चैंपियनशिप (डब्ल्यूएससीसी) में 22 प्रतिभागियों में से आठवें स्थान पर रहीं। 2021 डब्ल्यूएससीसी के पहले राउंड में हारने के बाद, वैशाली ने 2022 में वापसी की और पहले दो राउंड में आईएम बिबिसारा असौबायेवा और जीएम हरिका द्रोणावल्ली को हराकर सेमीफाइनलिस्ट बनीं। 2021 में ही वैशाली के आईएम खिताब के लिए चार मानदंड अर्जित किए, जहां केवल तीन आवश्यक रहते हैं । वैशाली ने 8.5/11 स्कोर के साथ 2023 फिडे महिला ग्रैंड स्विस जीता है। साल की शुरुआत में, कतर मास्टर्स ओपन टूर्नामेंट में, वैशाली ने 5/9 स्कोर किया, और महिलाओं का पुरस्कार जीतकर अपना अंतिम जीएम नॉर्म अर्जित किया। अपने भाई के 2023 फिडे विश्व कप में ऐसा करने के महीनों बाद 2024 कैंडिडेट्स के लिए क्वालीफाई किया है । वे दुनिया की पहली बहन-भाई जोड़ी हैं जो एक ही वर्ष में किसी बड़ी उपलब्धि तक पहुंची हैं।