Chhattisgarh SI Recruitment: SI भर्ती रिजल्ट 15 दिन में जारी करें राज्य सरकार, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का आदेश

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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Chhattisgarh SI Recruitment : बिलासपुर। छत्तीसगढ़ एसआई भर्ती के रिजल्ट की घोषणा के लिए आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिल गई है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने 15 दिनों के भीतर SI भर्ती परीक्षा के रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट जस्टिस एन.के. व्यास के सिंगल बेंच ने कहा कि राज्य सरकार 975 पोस्ट के लिए परिणाम जल्द जारी करें।

सरकार बदलने के बफाद फिर जारी किया नोटिफिकेशन

छत्तीसगढ़ एसआई भर्ती के लिए अगस्त 2018 में बीजेपी की सरकार ने 655 पद के लिए भर्ती निकाली गई गई थी। इसमें सूबेदार, सब इंस्पेक्टर, प्लाटून कमांडर, सब इंस्पेक्टर (विशेष शाखा) समेत कई अन्य पदों की भर्ती होनी थी, लेकिन 2019 में चुनाव हुए और सरकार बदल गई। इसके बाद कांग्रेस सरकार ने अक्टूबर 2021 में 975 पोस्ट के लिए फिर भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया था।

परीक्षा को हुए एक साल से ज्यादा हो गया पर रिजल्ट नहीं

SI भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया जून 2022 में शुरू हुई और 8 सितंबर 2023 तक चली। इस दौरान प्रारंभिक परीक्षा 29 जनवरी 2023 को आयोजित की गई, जबकि मुख्य परीक्षा 26 मई से 29 मई 2023 तक हुई। इसके बाद फिजिकल टेस्ट 18 से 30 जुलाई 2023 को हुआ और लास्ट में इंटरव्यू 17 अगस्त से 8 सितंबर 2023 के बीच हुआ। अब परीक्षा को एक साल से भी ज्यादा का समय हो गया है लेकिन अभी तक इसके रिजल्ट नहीं आये हैं। इसको लेकर कई महीनों से छात्र आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार के कान में जू तक नहीं रेंग रहे।

ऐसे हाई सपोर्ट पहुंचा SI भर्ती परीक्षा मामला

दरअसल, 29 जनवरी 2023 को प्रारंभिक परीक्षा के बाद 16 मई 2023 को मुख्य परीक्षा के लिए योग्य उम्मीदवारों की सूची जारी की गई थी। इस सूची में 370 महिला अभ्यर्थियों का चयन हुआ। इस चयन के बाद जो अभ्यर्थी मेरिट सूची में नहीं आए, उन्होंने हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर कीं और भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं और नियमों के उल्लंघन के आरोप लगाया।

याचिका में कहा गया कि 975 पदों में से 247 प्लाटून कमांडर के थे और मेरिट सूची में 20 गुना अभ्यर्थियों का होना आवश्यक था, जबकि सूची में 6,013 महिला उम्मीदवारों के नाम शामिल थे। इस पर याचिकाकर्ताओं ने आपत्ति जताई। 20 मई 2024 को बिलासपुर हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि प्लाटून कमांडर की भर्ती में महिलाओं को शामिल करना गलत था, और उनकी जगह पुरुषों को शामिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट के आदेश के पांच महीने बाद भी फाइनल रिजल्ट जारी नहीं किया।


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