बस्तर और सुकमा में स्ट्रीट लाइट घोटाला: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, साय सरकार से मांगा जवाब

Chhattisgarh High Court
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Bastar and Sukma Street Light Scam : बिलपसुर। छत्तीसगढ़ में सीजीपीसी घोटाला, दवा घोटाला, कोयला घोटाला और शराब घोटाले के बाद अब स्ट्रीट लाइट घोटाला सामने आया है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

जानकारी के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की खंडपीठ ने इस मामले में बीते दिन बुधवार 19 फ़रवरी को सुनवाई की थी। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने बताया कि जांच समिति गठित कर दी गई है और वह अपनी जांच कर रही है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की खंडपीठ ने शासन से शपथपत्र के माध्यम से जवाब मांगा है और अगली सुनवाई की तारीख 18 मार्च तय की गई है।

अतिरिक्त महाधिवक्ता राज कुमार गुप्ता ने जानकारी दी थी कि जब यह मामला अधिकारियों के संज्ञान में आया, तो 9 अप्रैल 2024 को आदिवासी विकास आयुक्त, रायपुर द्वारा जांच के आदेश दिए गए थे। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को सौंप दी गई है।

महाधिवक्ता ने बताया कि जांच समिति सक्रिय रूप से कार्य कर रही है और जल्द ही वास्तविक रिपोर्ट सामने आएगी। इस पर हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि शासन अपनी विस्तृत जानकारी शपथपत्र के माध्यम से प्रस्तुत करे।

दरअसल, बस्तर और सुकमा जिले के 190 गांवों में 18 करोड़ रुपये की लागत से 3500 से अधिक सोलर स्ट्रीट लाइटें लगाई गईं। इन लाइटों की स्थापना में नियमों की अनदेखी की गई, जिसके चलते यह मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा।

बता दें कि, पहले की गई सुनवाई में बताया गया कि पूरी निविदा प्रक्रिया क्रेडा (CREDA) के माध्यम से होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। राज्य के अधिकारियों को इस अनियमितता की जानकारी थी, फिर भी उन्होंने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।


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