CG News: सीजीएमएससी घोटाले में और भी लोग रडार पर, तीन शहरों में छापेमारी कर लौटी टीम
रायपुर। सीजीएमएससी घोटाले में और भी चौंकाने वाले नाम आ सकते हैं। घोटाले के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो द्वारा हाल ही में कई गंभीर खुलासे किए गए हैं। इस जांच में सीजीएमएससी द्वारा की गई खरीदारी में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं का पर्दाफाश हुआ है, जिनसे राज्य सरकार के खजाने को भारी नुकसान हुआ है। टीम ने दुर्ग, रायपुर और हरियाणा में कई स्थानों पर छापेमारी की।
इस दौरान टीम को महत्वपूर्ण दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, बैंक खाता विवरण और निवेश से जुड़े दस्तावेज़ प्राप्त हुए हैं। इन दस्तावेज़ों का विश्लेषण किया जा रहा है, जिससे मामले में और अधिक खुलासे हो सकते हैं। इस मामले में एफआईआर दर्ज कर दी है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 409 जमानत के बिना अपराधी को दंडित करना, 120 बी आपराधिक षड्यंत्र और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है।
बिना बजट खरीदारी ऑडिट रिपोर्ट से पता चला है कि सीजीएमएससी ने बिना बजट आवंटन के स्वास्थ्य विभाग के लिए 660 करोड़ रुपये की दवाइयां और उपकरण खरीदी थीं। इनमें से अधिकांश उत्पाद जरूरत से ज्यादा थे और कई अस्पतालों में इनका उपयोग नहीं किया गया। इसके बावजूद इनकी आपूर्ति की गई, जिससे शासन को भारी आर्थिक नुकसान हुआ। इन कंपनियों ने मिलकर किया खेल स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवश्यक रीएजेंट्स और उपकरणों को बाजार मूल्य से कहीं अधिक कीमत पर मोक्षित कॉर्पोरेशन के जरिए बेचा गया है।
इससे राज्य सरकार के खजाने को नुकसान हुआ। इसके अलावा, आरोपियों ने सीबी कॉर्पोरेशन, रिकार्डर्स और मेडिकेयर सिस्टम्स और श्री शारदा इंडस्ट्रीज के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया। ऑडिट टीम ने यह भी पाया कि सीजीएमएससी ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बिना उचित सर्वेक्षण के उपकरणों की आपूर्ति की थी। इनमें से कई स्वास्थ्य केंद्रों में जरूरी तकनीकी सुविधाएं और जनशक्ति भी उपलब्ध नहीं थीं, फिर भी उन्हें उपकरणों और रीएजेंट्स की आपूर्ति की गई। बैंक खातों की जांच एसीबी और ईओडब्ल्यू आरोपियों के बैंक खातों और निवेश से संबंधित दस्तावेजों का विश्लेषण कर रही है।
अब तक की जांच में जो दस्तावेज मिले हैं, उससे यह संकेत मिल रहे हैं कि घोटाले में कई और लोग शामिल हो सकते हैं। एसीबी और ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने संकेत दिया है कि कुछ और बड़े नाम इस मामले में सामने आ सकते हैं। सरकार ने इस घोटाले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है, और उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में और भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं।