Dantewada News: 26 हार्डकोर नक्सलियों का आत्मसमर्पण, नई पुनर्वास नीति-2025 से हुए प्रेरित

Dantewada 26 Hardcore Naxalites Surrender : दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नक्सलवाद के खिलाफ चलाए जा रहे निर्णायक अभियानों को आज एक और बड़ी सफलता मिली है। दंतेवाड़ा जिले में सोमवार, 7 अप्रैल 2025 को 26 हार्डकोर नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया, जो राज्य की नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति-2025 की प्रभावशीलता और विश्वसनीयता का स्पष्ट प्रमाण है। यह घटना नक्सलवाद उन्मूलन के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है और क्षेत्र में शांति की नई उम्मीद जगाती है।
मुख्यमंत्री साय ने दी बधाई
इस खास अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुरक्षाबलों के जवानों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा, "नक्सलवाद के समूल नाश के हमारे संकल्प को निरंतर सफलता मिल रही है। यह उपलब्धि केवल एक कार्रवाई नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की शांति, सुरक्षा और समृद्धि का मिशन है।" मुख्यमंत्री ने इस सफलता के पीछे नियद नेल्ला नार योजना और लोन वर्राटू अभियान की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया, जो आदिवासी युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए शुरू किए गए हैं। इन योजनाओं ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव लाने में योगदान दिया है।
मुख्यमंत्री साय ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लाल आतंक प्रभावित गांवों को नक्सलमुक्त घोषित होने पर दी जाने वाली 1 करोड़ रुपये की विशेष सहायता राशि का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस घोषणा के सकारात्मक परिणाम अब दिखाई देने लगे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ को 31 मार्च 2026 तक पूरी तरह नक्सल आतंक से मुक्त करने का संकल्प लिया गया है। मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि यह लक्ष्य तय समयसीमा के भीतर हासिल किया जाएगा।
आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति-2025
आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति-2025 के तहत नक्सलियों को पुनर्वास के लिए आर्थिक सहायता, जमीन, और आवास जैसी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इस नीति का उद्देश्य भटके हुए नक्सलियों को हिंसा के रास्ते से हटाकर समाज की मुख्यधारा में लाना है। दंतेवाड़ा में 26 नक्सलियों का आत्मसमर्पण इस बात का संकेत है कि सरकार की यह रणनीति प्रभावी साबित हो रही है। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षाबलों के समन्वित प्रयासों ने इस सफलता को संभव बनाया है।
यह घटना दंतेवाड़ा सहित नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। लोन वर्राटू अभियान, जिसका अर्थ गोंडी भाषा में "घर वापस आओ" है, ने नक्सलियों को अपने गांव और परिवारों की ओर लौटने के लिए प्रेरित किया है। मुख्यमंत्री साय ने इस मिशन को छत्तीसगढ़ के भविष्य की नींव बताया, जहां हिंसा की जगह विकास और समृद्धि आएगी।