कोविड-19 के कारण भारत में फंसे 72 देशों के 60 हजार नागरिकों को वापस भेजा गया : MEA

कोविड-19 के कारण भारत में फंसे 72 देशों के 60 हजार नागरिकों को वापस भेजा गया : MEA
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नई दिल्ली। देश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार (30 अप्रैल) को बताया कि कोरोना वायरस के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के दौरान 72 देशों के करीब 60 हजार विदेशी नागरिकों को भारत से वापस भेजा गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि विदेशों में फंसे भारतीयों को निकालने के मुद्दे पर भी चर्चा की जा रही है और सभी भारतीय मिशन विदेशों में भारतीय समुदाय के लोगों को हर संभव मदद पहुंचा रहे हैं।

उन्होंने आनलाइन प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि भारतीय मिशन दूसरे देशों में फंसे भारतीयों को मदद पहुंचाने के लिए अभूतपूर्व प्रयास कर रहे हैं। समझा जाता है कि सरकार लॉकडाउन समाप्त होने के बाद खाड़ी एवं अन्य क्षेत्रों में फंसे हजारों की संख्या में भारतीयों को निकालने के लिए नौसेना के जहाजों के अलावा सैन्य एवं वाणिज्यिक हवाई जहाजों को लगाने की एक वृहद योजना पर काम कर रही है।

बहरहाल, चीन की दो कंपनियों द्वारा कोविड-19 की जांच के लिए आपूर्ति की गई रैपिड टेस्टिंग किट के उपयोग पर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की रोक की चीन द्वारा आलोचना किए जाने के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले को शीर्ष चिकित्सा निकाय देख रही है।

गौरतलब है कि आईसीएमआर ने सोमवार (27 अप्रैल) को राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से चीन की दो कंपनी ग्वानझू वान्डफो बायोटेक एवं झूहाए लिवजॉन डायग्नास्टिक से खरीदी गई टेस्टिंग किट का उपयोग करने से मना कर दिया था क्योंकि इसके प्रदर्शन में काफी विभिन्नता आ रही थी।

श्रीवास्तव ने कहा कि भारत ने 20 से अधिक देशों को सहायता के तौर पर 28 लाख हाइड्रोक्सिक्लोरोक्विन की टैबलेट और 19 लाख पैरासिटामॉल की टैबलेट मुहैया कराई। इसके अलावा करीब 87 देशों को वाणिज्यिक आधार पर बड़ी संख्या में हाइड्रोक्सिक्लोरोक्विन और पैरासिटामॉल प्रदान की।

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