आडवाणी और जोशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन में होंगे शामिल
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन करेंगे। भारतीय जनता पार्टी के संरक्षक लालकृष्ण आडवाणी और वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस पल का गवाह बनेंगे। राम जन्मभूमि आंदोलन का चेहरा रहे दो वरिष्ठ नेताओं को विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी और राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय द्वारा आमंत्रित किया जाएगा। हालांकि, अधिकारी ने यह स्पष्ट नहीं किया कि निमंत्रण कब भेजा जाएगा।
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत करने वाले भूमि पूजन समारोह में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और पूर्व मंत्री उमा भारती सहित वरिष्ठ आरएसएस और भाजपा नेताओं की मेजबानी की संभावना है।
आडवाणी और जोशी की अनुपस्थिति के बारे में बहुत अटकलें लगाई गई हैं, जिन्हें 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के कारण राम जन्मभूमि आंदोलन का वास्तुकार माना जाता है। भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने के शर्त पर कहा कि दोनों नेता की उम्र और कोरोना महामारी के कारण समारोह में शामिल होने की सलाह दी गई है।
उन्होंने कहा, "पिछले महीने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी महासचिव भूपेंद्र यादव आडवाणी जी से मिले थे। यह एक नियमित मुलाकात थी, जैसा कि हमारे वरिष्ठ नेता अक्सर करते हैं।''
2014 के लोकसभा चुनाव में केंद्र में भाजपा के सत्ता में आने के बाद आडवाणी और जोशी के साथ-साथ यशवंत सिन्हा- जिन्होंने अब पार्टी छोड़ दी है, को मार्गदर्शक मंडल का हिस्सा बनाया गया, जिसका उद्देश्य पार्टी का मार्गदर्शन करना था।