कृषि मंत्री तोमर ने एग्री यूनिफेस्ट का किया उद्घाटन, युवा ऊर्जा से विकसित राष्ट्र बनेगा भारत
नईदिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि देश की 60 फीसदी युवा आबादी की ऊर्जा से भारत विकसित देश बनेगा। हमारा देश एक विशाल लोकतंत्र है, जिसकी विशेषताओं में एक तो जनसंख्या और दूसरी हमारे युवाओं की 60 प्रतिशत आबादी है। ये दोनों ताकत मिलकर इतनी बड़ी हैं कि भारत किसी भी चुनौती का मुकाबला कर सकता है।
तोमर ने बुधवार को बेंगलुरू कृषि विश्वविद्यालय की ओर से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के सहयोग से आयोजित 05 दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम "एग्री यूनिफेस्ट" को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत महोत्सव से आगामी 25 वर्षों के समय को अमृत काल नाम दिया है, इसका ठीक से सदुपयोग हो और हमारे देश की युवा आबादी की ऊर्जा का भी सदुपयोग हो तो वर्ष 2047 तक हम अपने देश को विकसित भारत के रूप में अवश्य देख सकेंगे।
देश की सांस्कृतिक एकता का परिचय
तोमर ने कहा कि भारत में विभिन्न भाषाएं है, विभिन्न रीतियां और परंपराएं हैं, फिर भी अटक से कटक तक और कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारतीय संस्कृति व संस्कृति की आत्मा एक ही है।उन्होंने कहा कि अलग-अलग जगह "एग्री यूनिफेस्ट" जैसे आयोजनों के माध्यम से विविध क्षेत्रों में छुपी हुई प्रतिभाएं उभरती हैं तो देश की सांस्कृतिक एकता का परिचय होता है। एकता, एकात्मता में बदलती है और जब एकात्मता बलवती होती है तो भारत की ताकत बढ़ती है।
उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे, कर्नाटक के कृषि मंत्री बी.सी. पाटिल, आईसीएआर के उप महानिदेशक (शिक्षा) डॉ. आर.सी. अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी, वैज्ञानिक और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। आयोजन में 60 राज्य कृषि विश्वविद्यालयों/डीम्ड विश्वविद्यालयों/केंद्रीय विश्वविद्यालयों के 2500 से अधिक प्रतिभाशाली विद्यार्थी शामिल हुए हैं, जो 05 विषयों (संगीत, नृत्य, साहित्य, रंगमंच, ललित कला) के तहत 18 आयोजनों में अपने कौशल का प्रदर्शन कर रहे हैं।
भारतीय कृषि को एकीकृत करना
आईसीएआर द्वारा 1999-2000 के दौरान अखिल भारतीय अंतर कृषि विश्वविद्यालय युवा महोत्सव की संकल्पना व शुरुआत की गई थी, जिसका उद्देश्य विभिन्न भारतीय संस्कृतियों को जोड़कर भारतीय कृषि को एकीकृत करना है, ताकि कृषि विश्वविद्यालयों के युवाओं की प्रतिभा निखर सकें और वे भारतीय सांस्कृतिक विविधता की सुंदरता को चित्रित करें।