छह साल में तीसरी सर्वदलीय बेठक, 20 दलों के नेताओं ने लिया बैठक में हिस्सा
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख स्थित 'गलवान घाटी' में चीनी सैनिकों के साथ जारी तनातनी व शहीदों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकतांत्रिक परंपरा का निर्वाह करते हुए शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सरकार को विपक्षी दलों की ओर से अभूतपूर्व सहयोग व समर्थन मिला है। कोरोना संकट के चलते वीडियोक्रांफ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कांग्रेस, तृणमूल, बसपा, जदयू, समेत 20 राजनीतिक दलों की मौजूदगी में मौजूदा हालातों पर सैन्य, कूटनीतिक, व राजनीतिक सवाल पूछे गए। बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी मौजूद थे। जिन्होंने बारी-बारी से विपक्षी दलों के नेताओं के सवालों के जवाब दिए।
देश में जब कभी भी राष्टीय सुरक्षा व संप्रभुता पर आंच आती है तब दलगत राजनीति से उपर उठकर सभी राजनीतिक दल एकजुटता का परिचय देते हैं। शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक के बाद यह परंपरा एक बार फिर सामने आई। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने खुफिया रिपोर्ट, सैटेलाइट इमेज व माउंटेन स्टाइक कोर से संबंधित सवाल पूछे। हालांकि तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि हम सरकार के साथ हैं। राजग सहयोगी जदयू ने भी कहा कि संकट की इस घड़ी में सभी दलों का ेएकजुट होना चाहिए।
चार क्राइटेरिया पर आधारित था आमंत्रण
सूत्रों के मुताबिक, सर्वदलीय बैठक में चार क्राइटेरिया के आधार पर विपक्षी दलों को आमंत्रण दिया गया था। पहलासभी राष्टीय पार्टी, दूसरा जिन पार्टियों के लगभग पांच सांसद हैं। तीसरा उत्तर-पूर्व राज्यों की पार्टियां और चैथा-जिन पार्टियों के नेता केंद्रीय कैबिनेट में शामिल हैं।
सैनिक निहत्थे थे या हथियार के साथ, इस पर चर्चा नहीं: पवार
राकांपा प्रमुख और पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार ने कहा कि उस दौरान सैनिक निहत्थे थे या उनके पास हथियार था, यह मामला अंतर्राष्टीय सहमति से जुड़ा हुआ है। हमें ऐसे मामलों में गंभीर सावधानी बरतनी चाहिए। उल्लेखनीय है कांग्रेस नेता राहुल गांधी पिछले दो दिन से सैनिकों को निहत्थे भेजने जैसे मामले पर आरोपलगा रहे थे, जिसे पवार ने खारिज कर दिया।
सरकार को ममता का साथ
तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सर्वदलीय बैठक देश के लिए अच्छा संदेश है। इससे यह जाहिर होता है कि हम अपने जवानों के साथ मजबूती के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि टेलिकाॅम, रेलवे, हवाई क्षेत्र में चीन को दखल नहीं देने देंगे। कुछ समस्याएं आएंगी पर हम चीनियों को घुसने नहीं देंगे। ममता ने कहा कि चीन कोई लोकतंत्र नहीं है। हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं।
संभलकर कदम रखने चाहिए: डी राजा
सीपीआई नेता डी राजा ने कहा कि मौजूदा समय में सरकार को संभल कर कदम रखना चाहिए। अमेरिका चाहता है भारत उसके पाले में आ जाए पर हमें ऐसा करने से बचना चाहिए।
जदयू ने कहा कि देशभर में चीन के खिलाफ उबाल
जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि पूरे देश में चीन के खिलाफ गुस्सा है। हमारे बीच कोई मतभेद नहीं होना चाहिए। हम साथ हैं। उन्होंने कहा कि भारत के प्रति चीन का नजरिया जाहिर है। भारत चीन को सम्मान देना चाहता है लेकिन उसने 1962 में क्या किया?
सेना के साथ सभी विपक्षी दल चट्टान की तरह एकजुट: सोनिया गांधीaal
सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल सेना के साथ एकजुट हैं। हमारी सेनाएं सभी चुनौतियों से निपटने में सक्षम हैं। इसके लिए हम कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं। देश के लोग सरकार से यह उम्मीद करते हैं कि वो पूरे देश और विपक्ष को विश्वास में ले और लगातार पूरे घटनाक्रम की जानकारी दे। तभी हम दुनिया के समक्ष एकजुटता और सहयोग सुनिश्चित कर सकेंगे। हालांकि, सोनिया गांधी ने कहा कि पांच मई को लद्दाख सहित कई जगह चीनी घुसपैठ की जानकारी सामने आई तो उसके तुरंत बाद ही सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए थी।