चारधाम यात्रा पर लगी रोक हटी, निगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जरूरी
देहरादून। नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा को लेकर हुई सुनवाई के दौरान बड़ा फैसला लेते हुए लंबे समय से चारधाम यात्रा पर लगी रोक को कुछ प्रतिबंधों के साथ हटा दिया है। इस तरह उत्तराखंड के चारधामों श्री बदरीनाथ, श्री केदारनाथ, श्री गंगोत्री एवं श्री यमुनोत्री धाम में शीघ्र श्रद्धालु दर्शन के लिए आवाजाही कर सकेंगे।
चारधाम यात्रा पर रोक हटाने को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से दाखिल आवेदन पर गुरुवार सुनवाई हुई। बुधवार को सरकार की ओर से प्रार्थना पत्र दाखिल कर रोक हटाने का आग्रह किया गया था। कोविड के मामलों में बढ़ोतरी, स्वास्थ्य सुविधाओं संबंधित जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने जून में चारधाम यात्रा पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगाई थी। इस आदेश के खिलाफ प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की जिस पर सुनवाई नहीं हो सकी थी।
कोर्ट ने हटाई रोक -
महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर तथा सीएससी चंद्रशेखर रावत ने मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ से यात्रा पर लगी रोक हटाने का आग्रह किया तो सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी विचाराधीन होने का हवाला देते हुए कोर्ट ने विचार करने से मना कर दिया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) वापस ले ली। इसके बाद हाईकोर्ट को सरकार ने इस बारे में जानकारी दी तो कोर्ट ने 16 सितंबर की तिथि नियत की। ऐसे में गुरुवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए चारधाम यात्रा से रोक हटा दी। चारों धाम के स्थानीय लोगों, श्रद्धालुओं, तीर्थपुरोहित, व्यापारी वर्ग ने चारधाम यात्रा शुरू होने पर खुशी व्यक्त की है।
मुख्यमंत्री ने किया फैसले का स्वागत -
चारधाम यात्रा पर रोक हटने के बाद अपने संदेश में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाईकोर्ट के चारधाम यात्रा से रोक हटाने के फैसले का स्वागत किया है। वहीं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने भी चारधाम यात्रा से रोक हटने पर प्रसन्नता जताई है। उन्होंने कहा कि जल्द चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है।पर्यटन सचिव एचसी सेमवाल ने कहा कि कोर्ट के फैसले तथा सरकार के दिशा-निर्देश पर चारधाम यात्रा अतिशीघ्र शुरू हो जायेगी।
वैक्सीन सर्टिफिकेट अनिवार्य -
मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 800 श्रद्धालुओं, बदरीनाथ धाम में 1200, गंगोत्री में 600, यमनोत्री में कुल 400 श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति प्रदान की है। चारधाम यात्रा के लिए प्रत्येक श्रद्धालु को कोविड नेगेटिव रिपोर्ट अथवा वैक्सीन की डबल डोज लगी होने का सर्टिफिकेट ले जाना अनिवार्य होगा।