बैंक और जीडीपी मुसीबत में, विकास या विनाश : राहुल गांधी

बैंक और जीडीपी मुसीबत में, विकास या विनाश : राहुल गांधी
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नई दिल्ली। कोरोना काल में देश की आर्थिक स्थिति को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार मोदी सरकार पर हमलावर हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि देश की आर्थिक स्थिति के डांवाडोल हालत को देखते हुए समझ नहीं आ रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकास हो रहा है या विनाश।

राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि सकल घरेलू उत्पाद-जीडीपी तो पहले से ही गिरावट पर और बेरोजगारी चरम पर थी लेकिन अब महंगाई भी आसमान छूने लगी है। बैंक मुसीबत में आ गए हैं और लोगों का पैसा बैंकों में फंस गया है। उन्होंने सामाजिक स्थिति को लेकर भी सरकार को घेरा और कहा कि सामाजिक न्याय को जिस तरह से कुचला जा रहा है और इससे जो हालात बने रहे हैं उन्हें देखते हुए लोगो का मनोबल टूट रहा है और सरकार से विश्वास खत्म हो रहा है।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'बैंक मुसीबत में हैं और जीडीपी भी। महंगाई इतनी ज़्यादा कभी नहीं थी, ना ही बेरोज़गारी। जनता का मनोबल टूट रहा और सामाजिक न्याय प्रतिदिन कुचला जा रहा है। विकास या विनाश।' इससे पहले भी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश की आर्थिक स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा था कि भारत पहली बार आर्थिक मंदी की चपेट में आया है।

बीते दिनों राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि भारत के इतिहास में पहली बार आर्थिक मंदी आई है। मोदी ने जो कदम उठाए हैं उसने भारत की ताकत को कमजोरी में बदल दिया है। कांग्रेस नेता ने इसके साथ ही एक खबर को भी पोस्ट किया जिसमें कहा गया है कि रिजर्व बैंक के अनुमान के अनुसार जुलाई से सितंबर में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 8.3 प्रतिशत रह जाएगी और देश तकनीकी तौर पर मंदी की चपेट में आ जाएगा।

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