बिहार आम चुनाव के नतीजे मोदी कैबिनेट पर भी डालेंगे असर, जानें कैसे
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे केंद्र सरकार पर भी असर डालेंगे। केंद्र सरकार में शामिल लोजपा राज्य में एनडीए के खिलाफ चुनाव मैदान में है। ऐसे में चुनावों के बाद उसकी ओर से और एनडीए दोनों तरफ से नई स्थिति उभर सकती है। दूसरी तरफ एनडीए का हिस्सा होने के बावजूद सरकार से बाहर जदयू भी सरकार में हिस्सेदारी के बार में विचार कर सकता है।
बिहार के विधानसभा चुनावों ने एनडीए के लिए नई उलझन पैदा कर दी है। लोजपा नेता रामविलास पासवान के अस्वस्थ होने से सारे फैसले उनके बेटे चिराग पासवान कर रहे हैं। हालांकि भाजपा व लोजपा के आपसी रिश्ते अच्छे हैं, लेकिन जद (यू) व लोजपा के बिगड़े रिश्तों में वह फंसती जा रही है। रामविलास पासवान देश भर में दलितों के बड़े नेता है और उनसे दूरी बना पाना भाजपा के लिए आसान नहीं है। खासकर हाथरस कांड के दौरान, जहां दलित लड़की की मौत के बाद मामला गरमाया हुआ है।
बिहार की राजनीति में भाजपा को अपनी बढ़त बनाने के लिए जदयू व लोजपा का टकराव भाजपा को मुफीद हो सकता था। लेकिन जदयू ने साफ कर दिया है कि पहले भाजपा को लोजपा को लेकर स्थिति साफ करनी होगी। यही वजह है कि बिहार में भाजपा लगातार लोजपा को चेतावनी दे रही है। ऐसे में इस बात का भी डर है कि भाजपा व लोजपा के आपसी रिश्ते भी बिगड़ न जाएं।
भाजपा के एक प्रमुख नेता का कहना है कि बिहार के चुनाव नतीजे राज्य में नई सरकार का गठन करेंगे। लेकिन उसका असर केंद्र सरकार पर भी पड़ेगा। चुनावों के दौरान लोजपा का रुख तय करेगा कि उसके दिल्ली में एनडीए रिश्ते कैसे रहेंगे। दूसरी तरफ केंद्र में सरकार से दूरी बनाए जदयू भी दिल्ली में सरकार में हिस्सेदारी पर अपना फैसले पर पुनर्विचार कर सकता है।