मोदी सरकार में दूसरे मोदी की इंट्री से पर्दा हटाएगा बिहार रास उपचुनाव
विशेष प्रतिनिधि/नई दिल्ली। बिहार में लम्बें समय तक गठबंधन सरकार के हिस्सा रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी को इस बार सत्ता से बाहर रखा गया, इसके साथ उनके केन्द्रीय राजनीति में आने की चर्चा गरमाने लगी है। सुशील मोदी के राज्य से केन्द्र सरकार में आने को लेकर चल रहे असमंजस से पर्दा जल्द हट सकता है। लोजपा नेता रामविलास पासवान के निधन से बिहार से राज्यसभा की खाली हुई सीट से यदि सुशील मोदी को लाया गया तो मोदी सरकार में दूसरे मोदी की इंट्री तय हो जाएगी।
यद्यपि लोजपा नेता रामविलास पासवान के निधन से बिहार से राज्यसभा की खाली हुई सीट को चिराग पासवान अपने परिवार के लिए चाहते हैं। लेकिन विधानसभा चुनाव के दौरान लोजपा-जद (यू) के बीच जैसी तल्खी पैदा हो गई है उसमें नीतीश कुमार का लोजपा को सीट देने पर सहमत होना असंभव है। लिहाजा, यह चुनाव जहां चिराग पासवान का राजग में भविष्य तय करेगा, वहीं उम्मीदवारी के लिए ऐसा चेहरा तय किया जाएगा, जो भाजपा- जद (यू) दोनों की सहमति का हो। राज्यसभा की सीट पर 14 दिसम्बर को चुनाव होना है। नामांकन 26 नवम्बर को होगा। यह सीट राजग के खाते में जाना तय है, लेकिन पासवान की जगह कौन आएगा इसको लेकर माथापच्ची तेज हो गई है। चिराग पासवान इस सीट पर अपनी दावेदारी जता रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि पिता की खाली सीट उनकी पार्टी को मिलना चाहिए। उनकी तरफ से अपनी मॉ का नाम आगे किया गया है। चिराग की तरफ से यह चाल इसलिए चली गई कि सदभावना में मॉ के नाम पर राजग में असहमति का रास्ता बंद कर देगा। लेकिन उनकी इस सोच से इतर नए समीकरण कुछ और बन रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि जद (यू) लोजपा को यह सीट देने को बिलकुल राजी नहीं है। विधानसभा चुनाव में जद (यू) को जो नुकसान हुआ है, उसमें वह लोजपा नेता चिराग पासवान का बड़ा रोल मान रहे हैं। ऐसे में नीतीश कुमार किसी हालत में चिराग के खाते में सीट नहीं जाने देंगे। जद (यू) के सहमत नहीं होने पर भाजपा चिराग के लिए उन्हें मनाने की कोशिश बिलकुल नहीं करेगा बल्कि इस सीट को अपने खाते में लाना चाहेगा। पासवान को 2019 में भाजपा-जद (यू) की साझेदारी से भेजा गया था, तब जद (यू) की तरफ से पासवान की पैरवी की गई थी, इस लिहाज से जद (यू) भी यह सीट अपने हिस्से में लेना चाहेगी। ऐसे में किसी ऐसे चेहरे को तय किया जाएगा जो भाजपा-जद (यू) दोनों की पसंद का हो। महत्वपूर्ण बात ये भी है की राज्यसभा चुनाव में नीतीश कुमार की तरफ से चिराग को राजग से बाहर करने का भी दबाव बनाया जा सकता है।
बिहार में नई सरकार में सुशील मोदी को जगह नहीं मिली, इसके साथ उनके केन्द्रीय राजनीति में आने की जो चर्चा है, यह राज्यसभा चुनावन उस पर से पर्दा हटाने का काम करेगा। पासवान के निधन से खाली हुई सीट का कार्यकाल 2 अप्रैल 2024 तक है। यदि उन्हें केन्द्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा बनाने की योजना है तो उन्हें इस सीट पर उम्मंीदवार बनाया जा सकता है। सुशील मोदी के नाम पर जद (यू) को भी कोई ऐतराज नहीं होगा, ऐसे में भाजपा को राज्यसभा की एक सीट के साथ मोदी को केन्द्र में लाने की योजना पूरी हो जाएगी।