सुरक्षा बलों ने एलओसी के पास खोजी सुरंग, घुसपैठ के लिए प्रयोग होने का अंदेशा

सुरक्षा बलों ने एलओसी के पास खोजी सुरंग, घुसपैठ के लिए प्रयोग होने का अंदेशा
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नईदिल्ली। जम्मूकश्मीर में आज सीएसएफ ने आतंकियों की एक और बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया। बीएसएफ ने कठुआ के हीरानगर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के नजदीक एक सुरंग को खोजा है। यह सुरंग 150 मीटर लंबी तथा 30 फीट गहरी है। कुछ दिन पहले इसी सेक्टर में एक और सुरंग का पता लगाया गया था। फिलहाल, सुरक्षाबलों ने आसपास के सभी इलाकों को घेरकर आतंकियों की मौजूदगी की आशंका के चलते तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।

बीएसएफ अधिकारीयों का कहना है की ये लगभग 6 से 8 साल पुरानी सुरंग है। जिसका लंबे समय से घुसपैठ के लिए लगातार प्रयोग किया जाता रहा होगा। यह ऐसी जगह पर स्थित है, जहां 2012 के बाद से एक्शन देखा गया, जब पाकिस्तान ने फॉरवर्ड ड्यूटी प्वाइंट पर भारी गोलाबारी की थी और आसपास के क्षेत्र में जीरो लाइन पर एक नया बंकर बनाया था।

भारतीय सेना और बीएसएफ द्वारा खोजी गई सुरंगें -

  • 13 जनवरी, 2021 को बोबिया क्षेत्र में 150 मीटर लंबी सुरंग।
  • 18 नवंबर, 2020 को सांबा में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांव रिगाल में मिली सुरंग।
  • अगस्त 2020 में सांबा में घुसपैठ के इरादे से बनाई गई सुरंग मिली ।
  • 14 फरवरी, 2017 को रामगढ़ के चमलियाल गांव के छन्नी फतवाल में 20 मीटर लंबी सुरंग मिली ।
  • 2016 में आरएसपुरा के अलाह माई दे कोठे में मिली सीमापार से घुसपैठ के लिए बनाई गई सुरंग।

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