हंगामे की भेंट चढ़ा संसद का बजट सत्र, 25 बैठकें और 46 घंटे हुआ काम

हंगामे की भेंट चढ़ा संसद का बजट सत्र, 25 बैठकें और 46 घंटे हुआ काम
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लोकसभा-राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

नईदिल्ली। संसद का बजट सत्र काफी हंगामे दार रहा। सत्र के अंतिम दिन आज गुरूवार को दोनों सदनों में कांग्रेस ने अडानी के मुद्दे पर सरकार को घेरा। जिसके कारण कार्यवाही बाधित हुई। इस सत्र में 25 बैठकें हुईं और लगभग 46 घंटे कामकाज हुआ। इस सत्र के दौरान आठ सरकारी विधेयक पुरःस्थापित किए गए तथा छह विधेयक पारित किए गए।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बजट सत्र के दूसरे भाग के अंतिम दिन गुरुवार को बताया कि इस सत्र के दौरान 25 बैठकें की गईं और लगभग 45 घंटे 55 मिनट तक कार्यवाही चली। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने 31 जनवरी को एक साथ समवेत दोनों सभाओं के सदस्यों के समक्ष अभिभाषण प्रस्तुत किया। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा 13 घंटे 44 मिनट तक चली और इस चर्चा में 143 सदस्यों ने भाग लिया। चर्चा के अंत में प्रधानमंत्री ने वाद-विवाद का उत्तर दिया। सभा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव को स्वीकार किया।

उन्होंने बताया कि इस सत्र में वित्त मंत्री द्वारा एक फरवरी को केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया गया। केंद्रीय बजट 2023- 24 पर सामान्य चर्चा 14 घंटे 45 मिनट तक चली। वाद-विवाद में 145 सदस्यों ने भाग लिया और वित्त मंत्री ने चर्चा का उत्तर दिया। केंद्र सरकार के मंत्रालयों एवं विभागों की वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अनुदान मांगों को सभा द्वारा 23 मार्च को स्वीकृत किया गया तथा संबंधित विनियोग विधेयक को पारित किया गया। उसके उपरांत सभा द्वारा वित्त विधेयक पारित किया गया।

सत्र के दौरान 29 तारांकित प्रश्नों का मौखिक उत्तर दिया गया। प्रश्नकाल के बाद लोक महत्व के कुल 133 मामले उठाए गए तथा नियम 377 के अधीन कुल 436 मामले लिए गए। लोकसभा की विभागों से संबद्ध स्थायी समितियों ने 62 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए। सत्र में निदेश 73ए के अधीन 14 और संसदीय कार्य मंत्री द्वारा संसदीय कामकाज के संबंध में दिये गये तीन वक्तव्य सहित 23 वक्तव्य दिए गए सत्र के दौरान 2799 पत्र सभा पटल पर रखे गए।

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