कैबिनेट सेक्रेटरी ने मंत्रालयों को लिखा पत्र, परियोजनाओं को पूरा करने में देरी...

कैबिनेट सेक्रेटरी ने मंत्रालयों को लिखा पत्र, परियोजनाओं को पूरा करने में देरी...
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नई दिल्ली। केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार का लक्ष्य अब परियोजनाओं को पूरा करने में हो रही देरी को दुरुस्त करने पर है। इसलिए कैबिनेट सचिव ने सभी केन्द्रीय सचिवों को पत्र लिखकर जवाबदेही सुनिश्चित करने को कहा है। असल में परियोजनाओं के समय पर कार्यान्वयन में हो देरी, विशेष रूप से जो बुनियादी ढांचे से संबंधित हैं, उनपर केंद्र सरकार की नजर पड़ी है। केंद्र ने ऐसे अब सभी विभागों और मंत्रालयों को न केवल इसे समय पर पूरा करने के लिए कहा है, बल्कि उनकी निगरानी के लिए एक सख्त प्रणाली और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है।

13 नवंबर को सभी केंद्रीय सचिवों को लिखे गए एक पत्र में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने कहा है कि समय और लागत के हिसाब से देरी न केवल देश के विकास को बाधित करती है, बल्कि इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए जरूरी दुर्लभ संसाधनों को भी प्रभावित करती है। शीर्ष अधिकारी ने कहा कि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के मामले में सावधानीपूर्वक योजना की आवश्यकता पर जोर देने और समय सीमा के साथ उसे पूरा करने के लिए बार-बार निर्देश जारी किए गए हैं।

गौबा ने पत्र में कहा कि उन्होंने सभी मंत्रालयों के सचिवों से परियोजनाओं को पूरे करने के लिए समय सुनिश्चित करने के लिए कहा। हालांकि, स्पष्ट निर्देशों के बावजूद यह देखा गया है कि इस पहलू पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिन मामलों में लागतों को संशोधित करने की आवश्यकता है या कार्यान्वयन के लिए समय-सीमा में विस्तार की आवश्यकता है, प्रस्तावों में आवश्यक रूप से उसके कारणों का विश्लेषण और सुधारात्मक कदम उठाने को सूचीबद्ध करना चाहिए ताकि इसमें शामिल सिस्टम में जवाबदेही सुनिश्चित किया जा सके।

गौरतलब है कि कैबिनेट सचिव का पत्र ऐसे समय आया है जब सरकार COVID-19 महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की पुरजोर कोशिश कर रही है।

इससे पहले जुलाई में, कैबिनेट सचिवालय ने भी मंत्रालयों को यह बताया किया था कि विभाग कैबिनेट को प्रस्ताव भेजते समय समय पर ध्यान नहीं दे रहे थे, जिसके परिणामस्वरूप परियोजनाओं की निगरानी में कठिनाई आ रही थी। इससे समय और लागत का अधिक नुकसान हो रहा था।

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