भारत से भिड़ने के बाद चीन को अपनी कमजोरी का अहसास हुआ : सीडीएस रावत
नईदिल्ली/वेबडेस्क। सैन्य बलों के प्रमुख सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने भारत और चीन के बीच अभी भी चल रही तनावपूर्ण स्थिति के बीच कहा है कि चीनी सैनिक ऊंची पहाड़ियों पर लड़ाई के अभ्यस्त नहीं हैं, इसीलिए भारत से भिड़ने के बाद उन्हें अपनी कमजोरी का एहसास हुआ और वापस लौटने को मजबूर हो रहे हैं। इसी तरह पाकिस्तानी सेना रक्षात्मक ढांचे को भारी नुकसान पहुंचने के बाद युद्ध विराम के लिए सहमत हुई है। उन्होंने सेनाओं के पुनर्गठन के मुद्दे पर कहा कि चीन, ब्रिटेन और अमेरिकी सेनाओं की तरह भारत भी 2022 तक सैन्य थिएटर कमांड बना लेगा।
सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने एक साक्षात्कार में कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गलवान घाटी और अन्य जगह हुई भिड़ंत के बाद चीनी सेना को खुद की कमजोर तैयारी और बेहतर ट्रेनिंग की ज़रूरत होने का एहसास हुआ है। पहाड़ी इलाकों में हमारी सेना चीनी सेना के मुकाबले काफी बेहतर है, इसीलिए वे लंबे वक्त तक भारतीय सेना का मुकाबला नहीं कर सकते हैं। यही वजह है कि पूर्वी लद्दाख में सर्दियों के दौरान चीन ने अपने सैनिकों की तैनाती में 90 फीसदी बदलाव किया जबकि पर्वतीय युद्ध में माहिर भारतीय सैनिक मजबूती से तैनात हैं। चीनी सेना में मुख्य रूप से सैनिकों की भर्ती मैदानी इलाकों और छोटी अवधि के लिए होती है। इस कारण उनके पास पहाड़ी इलाकों में लड़ाई एवं तैयारी का अनुभव नहीं होता है जबकि भारतीय सैनिक ऐसे इलाकों में रहने और लड़ने में माहिर माने जाते हैं।
भारत की बेहतरीन तैयारी -
भारतीय सेना की तैयारियों को लेकर बिपिन रावत ने कहा कि भारतीय सेना के जवानों ने बेहतरीन तैयारी की है और हालात को भांपा है। रावत ने यह पूछे जाने पर कि क्या सेना की बढ़ती तैनाती को देखते हुए उत्तरी मोर्चा भी पश्चिमी मोर्चे जितना महत्वपूर्ण हो गया है, उन्होंने कहा कि दोनों मोर्चे देश के लिए प्राथमिकता हैं। उन्होंने कहा कि हमने इस तरह से तैयारी की है कि हमारे जो सैनिक उत्तरी सीमाओं पर तैनात हैं, वह पश्चिमी सीमा पर काम करने में सक्षम हैं। दूसरी तरफ पश्चिमी सीमा पर तैनात सैनिक उत्तरी सीमा पर तैनाती के लिए तैयार हैं। उन्होंने माना कि उत्तरी सीमा पर कुछ अतिरिक्त सैन्य बलों की तैनाती की गई है क्योंकि इधर दिखने में आया है कि चीनी सेना यहां पर ज्यादा सक्रिय हैं।
सैन्य थिएटर कमांड -
जनरल बिपिन रावत ने सेनाओं के पुनर्गठन के बारे में कहा कि तीनों सेनाओं को एकजुट करके और मजबूत किया जाएगा। तीनों सेनाएं एक साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से अलग तरह की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग थियेटर कमांड बनाए जाएंगे। जरूरत के मुताबिक भारत में 4 कमांड तक हो सकते हैं। इसी के तहत समुद्री खतरे को देखते हुए मेरीटाइम कमांड, चीन को ध्यान में रखते हुए एक कमांड और जम्मू-कश्मीर के लिए थिएटर कमांड का ब्लू प्रिंट तैयार किया गया है। जिस तरह चीन, ब्रिटेन और अमेरिकी सेनाएं पहले से ही एकीकृत हैं, उसी तरह हम अपने संसाधनों का बेहतर तरीके से उपयोग करके अपनी परिचालन क्षमता बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि चीन, ब्रिटेन और अमेरिकी सेनाओं की तरह भारत भी 2022 तक सैन्य थिएटर कमांड बना लेगा।
पाकिस्तानी सेना के रक्षात्मक ढांचे को नुकसान -
पाकिस्तान सेना युद्ध विराम के लिए क्यों सहमत हुई, इसके जवाब में सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा कि इसके कई कारण हो सकते हैं। पिछले कुछ वर्षों से युद्धविराम उल्लंघन करने पर भारत की जवाबी कार्यवाही में पाकिस्तानी सेना के रक्षात्मक ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है। चूंकि उनके सैनिक गांवों के बहुत करीब से काम करते हैं, इसलिए कभी-कभी वहां रहने वाले लोग और उनके मवेशी प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा कि आज पश्चिमी मोर्चा भी बहुत सक्रिय है और आंतरिक सुरक्षा की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। यह सब मुद्दे पाकिस्तान के लिए परेशानी का कारण बन रहे हैं, इसलिए अब उन्हें भी भारत के साथ शांति की तलाश करना सबसे अच्छा तरीका लगा है। अगर वे शांति चाहते हैं तो यह दोनों देशों के लिए अच्छा होगा, खासकर पाकिस्तान के लिए।