अक्साई चिन का 'सैतुला सैन्य ठिकाना' अत्याधुनिक बनाने में जुटा चीन
भारत से लगी सीमा के नजदीक 8 एयरबेस या हेलीपैड को सक्रिय किया
नई दिल्ली। अक्साई चिन से महज 7 किमी. दूर पीएलए सैनिकों की तैनाती के बाद अब चीन वहां अपने सैतुला सैन्य ठिकाने को आधुनिक बनाने में लगा है। इसके साथ ही चीनी सेना वहां घातक हथियारों का जखीरा इकठ्ठा कर रही है। सैतुला में चीन ने तोपें और कई घातक हथियार तैनात किए हैं और नए बैरक और हेलीपोर्ट तैयार किए जा रहे हैं। चीन ने भारत से लगी सीमा के नजदीक कम से कम 8 एयरबेस या हेलीपैड को सक्रिय किया है।
पूर्वी लद्दाख की सीमा एलएसी पर भारत की अंतिम चौकी दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) के पास चीन ने करीब 50 हजार सैनिकों की तैनाती कर दी है। यहां से चीन के कब्जे वाला अक्साई चिन महज 7 किमी. दूर है। चीन ने पहले ही डेप्सांग घाटी में नए शिविर और वाहनों के लिए ट्रैक बनाए हैं, जिसकी पुष्टि सेटेलाइट की तस्वीरों और जमीनी ट्रैकिंग के जरिये भी हुई है। इसके अलावा बड़ी तादाद में सैनिक, गाड़ियां और हथियार इकठ्ठा किये हैं। पूर्वी लद्दाख का डेप्सांग प्लेन्स इलाका भारत-चीन सीमा के सामरिक दर्रे काराकोरम पास के बेहद करीब है। इसी के करीब चीन सीमा पर भारत की अंतिम चौकी दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) है। सैन्य और कूटनीतिक वार्ताओं के चार दौर की बैठकों के बाद भी चीनी सैनिक चार विवादित क्षेत्रों में से चीन पैंगोंग झील के फिंगर 4 से 8 के बीच हटने को तैयार नहीं हैं।
डेप्सांग घाटी और डीबीओ के पास 50 हजार पीएलए सैनिकों को जुटाने के बाद अब चीन ने अपना फोकस अक्साई चिन के इलाके में केन्द्रित करके बड़ी सैन्य तैयारी करने में जुट गया है। इंटेलीजेंस विश्लेषक डेट्रेसफा ने भारत और चीन के बीच लद्दाख गतिरोध की वास्तविकता जानने के लिए उपग्रह से तस्वीरें लेकर एक ओपन-सोर्स रिपोर्ट तैयार की है। जारी सेटेलाइट की तस्वीरों से साफ खुलासा हो रहा है कि चीन ने अक्साई चिन के अपने इस सैन्य अड्डे को 'किले' की शक्ल देना शुरू किया है। सैतुला में चीन जवानों के लंबे समय रहने और लद्दाख में उनके बहुत तेजी से तैनाती के लिए प्रशिक्षण की सुविधाएं जुटा रहा है। चीन ने नए बैरक बनाए हैं और हेलीपोर्ट तैयार किया है। इसके अलावा सैतुला में चीन ने तोपें और कई घातक हथियार तैनात किए हैं।
चीन ने भारत से लगी सीमा के नजदीक कम से कम 8 एयरबेस या हेलीपैड को सक्रिय किया है, जहां से वह अपनी युद्धक गतिविधियों को जारी रख सकता है। हाल में ही सेटेलाइट तस्वीरें सामने आने के बाद शिनजियांग प्रांत में स्थित होटान एयरबेस पर चीनी फाइटर जेट और अवाक्स प्लेन तैनात किये जाने के बारे में भी जानकारी मिली है। दरअसल चीन का यह एयरबेस अत्याधिक ऊंचाई पर है, जिसकी वजह से चीन इस इलाके में हवाई शक्ति के मामले में भारत से कमजोर है। दूसरी तरफ भारतीय एयरबेस निचले क्षेत्र में हैं, जहां से वे अपनी पूरी क्षमता के साथ चीन के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं। इसीलिए चीन ने अपने ठिकानों पर शेनयांग जे-11 फाइटर प्लेन तैनात कर रखा है, जिसकी रेंज 3530 किलोमीटर है। यह 2500 किमी प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से उड़ान भर सकता है। इस समय चीन के पास इस तरह के 250 से ज्यादा प्लेन हैं, जो रूस की एसयू 27 एसके का लाइसेंस वर्जन है।