मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने दिया इस्तीफा, राज्यपाल ने स्वीकारा
चेन्नई। तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद सत्तारुढ़ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के नेता व मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया और अगली व्यवस्था होने तक पद पर बने रहने का अनुरोध किया। राज्यपाल ने विधानसभा को भी भंग कर दिया है।
सोमवार को राजभवन की ओर से एक बयान जारी कर बताया गया कि तमिलनाडु मुख्यमंत्री पलानीस्वामी और उनके पूरे मंत्रिपरिषद का त्यागपत्र आज स्वीकार कर लिया है। राज्यपाल पुरोहित ने पलानीस्वामी से वैकल्पिक व्यवस्था होने तक पद पर बने रहने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही राज्यपाल ने तमिलनाडु की 15वीं विधानसभा को भी भंग कर दिया है।
द्रमुक कांग्रेस की वापसी -
राज्य में सोलहवीं विधानसभा के लिए 234 सीटों पर हुए चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए द्रमुक ने 10 वर्ष के अंतराल के बाद सत्ता में वापसी की है। इससे द्रमुक नेता एमके स्टालिन के पहली बार राज्य का मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है। इस चुनाव में स्टालिन के नेतृत्व में द्रमुक के गठबंधन को शानदार जीत मिली है। गठबंधन ने 159 सीटों पर जीत दर्ज की है। द्रमुक ने अपने दम पर 133 सीटें जीतीं और उनके सहयोगी कांग्रेस ने 18 और वीसीके ने चार सीटें जीतीं।
इसके अलावा गठबंधन के अन्य सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी एवं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भी दो-दो सीटें जीती हैं। इस चुनाव में अन्नाद्रमुक गठबंधन ने 75 सीटों पर जीत दर्ज की है। इस गठबंधन में शामिल भारतीय जनता पार्टी को चार सीटों पर जीत मिली है। तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद सत्तारुढ़ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के नेता व मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया और अगली व्यवस्था होने तक पद पर बने रहने का अनुरोध किया। राज्यपाल ने विधानसभा को भी भंग कर दिया है।
राज्यपाल ने स्वीकारा इस्तीफा -
सोमवार को राजभवन की ओर से एक बयान जारी कर बताया गया कि तमिलनाडु मुख्यमंत्री पलानीस्वामी और उनके पूरे मंत्रिपरिषद का त्यागपत्र आज स्वीकार कर लिया है। राज्यपाल पुरोहित ने पलानीस्वामी से वैकल्पिक व्यवस्था होने तक पद पर बने रहने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही राज्यपाल ने तमिलनाडु की 15वीं विधानसभा को भी भंग कर दिया है। राज्य में सोलहवीं विधानसभा के लिए 234 सीटों पर हुए चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए द्रमुक ने 10 वर्ष के अंतराल के बाद सत्ता में वापसी की है। इससे द्रमुक नेता एमके स्टालिन के पहली बार राज्य का मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है। इस चुनाव में स्टालिन के नेतृत्व में द्रमुक के गठबंधन को शानदार जीत मिली है। गठबंधन ने 159 सीटों पर जीत दर्ज की है। द्रमुक ने अपने दम पर 133 सीटें जीतीं और उनके सहयोगी कांग्रेस ने 18 और वीसीके ने चार सीटें जीतीं।इसके अलावा गठबंधन के अन्य सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी एवं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भी दो-दो सीटें जीती हैं। इस चुनाव में अन्नाद्रमुक गठबंधन ने 75 सीटों पर जीत दर्ज की है। इस गठबंधन में शामिल भारतीय जनता पार्टी को चार सीटों पर जीत मिली है।