Uttarakhand: सीएम धामी ने बुलाई कैबिनेट बैठक, जोशीमठ पुनर्वास और राहत पैकेज पर हुई चर्चा
जोशीमठ/वेब डेस्क। जोशीमठ को लेकर उत्तराखंड कैबिनेट ने कई फैसले लिए हैं. इनमें प्रभावित लोगों के विस्थापन के लिए जगहों को चिन्हित करना, किराया बढ़ाया जाना, खाद्य वस्तुओं के लिए खर्च और बिजली-पानी के बिल में राहत का फैसला लिया गया है। उत्तराखंड में सीएम पुष्कर धामी की अध्यक्षता में जोशीमठ को लेकर कैबिनेट बैठक खत्म हो गई है. इस बैठक के बाद मुख्य सचिव ने बताया कि प्रभावित लोगों को विस्थापन के लिए पीपलकोटी, गौचर, ढाक, कोटिफार्म, सेलांग के साथ-साथ नई जगह चिन्हित की गई हैं. सरकार ने 5000 रुपये तक किराया बढ़ाए जाने का फैसला लिया है. यह सिर्फ मकान मालिक के लिए है जो किराए पर रह रहे थे उनके लिए यह राहत नहीं है।
सरकार ने राहत पैकेज -
- शिविर में एक कमरा अधिकतम 950 रुपये महीना रुपये की घोषणा की है.
- खाद्य सामग्री के लिए प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 450 रुपये खर्च होगा.
- एक परिवार से 2 लोगों को मनरेगा में काम मिलेगा.
- पशुओं के लिए भी सरकार ने ऐलान किया है. प्रति पशु 15 हजार रुपये दिए जाएंगे। (जोशीमठ में 80 बड़े और 45 छोटे पशु हैं।)
इसके साथ ही उत्तराखंड कैबिनेट ने बिजली और पानी नवंबर से माफ कर दिया है, जोकि छह महीने तक के लिए किया गया है. प्राइवेट और सरकारी बैंकों को एक साल की राहत के लिखा जाएगा और को-ऑपरेटिव से लोन पर 6 महीने की राहत दी जाएगी. उत्तराखंड कैबिनेट के सभी मंत्री एक महीने की सैलरी मुख्यमंत्री राहत कोष में दान करेंगे।
इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ को लेकर बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में फिलहाल किसी का घर नहीं तोड़ा जाएगा. अबतक सरकार 90 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा चुकी है. इसके अलावा, प्रभावित लोगों को राहत राशि देने पर उन्होंने कहा कि डेढ़ लाख रुपये की राशि प्रभावित लोगों को देने की कार्रवाई जारी है।
सीएम धामी ने कहा कि जोशीमठ में प्रभावित क्षेत्र के लोगों को सुरक्षा के लिहाज से वहां से निकाला जा रहा है. अबतक प्रशासन ने 90 परिवारों को वहां से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है. उन लोगों को राहत राशि देने की प्रक्रिया भी जारी है. फिलहाल किसी का घर नहीं तोड़ा जाएगा।
जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव और घरों में आई दरारों के बीच चमोली जिला के आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि जोशीमठ नगर क्षेत्र के 9 वार्ड में 760 प्रभावित भवनों को अभी तक चिन्हित किया जा चुका है. जिसमें से 128 भवनों को असुरक्षित जोन के अंतर्गत रखा गया है. जिला प्रशासन ने अस्थायी राहत शिविरों के रूप में 51 भवनों के 344 कक्षों का चिह्नीकरण कर लिया है. इसमें 1425 व्यक्तियों को ठहराया जा सकता है. वहीं नगर पालिका के बाहर पीपलकोटी में अस्थायी राहत शिविरों के रूप में 20 भवनों के 491 कमरों को चयनित किया गया है, जिसमें कुल 2205 लोगों को ठहराया जा सकेगा।