ट्वीट के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिल्ली तलब, सोनिया गांधी ने मिलने बुलाया
नईदिल्ली। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत के ट्वीट से बढ़ी राजनीतिक गहमागहमी के बीच कांग्रेस हाईकमान कांग्रेस के लोगों को दिल्ली तलब कर लिया है।हाईकमान ने गुरुवार को हरीश रावत से इस संदर्भ में दूरभाष पर वार्ता की है । इसके बाद हरीश रावत के रुख में बदलाव आया है। रावत ने बुधवार को संगठन और पार्टी के कुछ नेताओं पर असहयोग करने और काम न करने देने का आरोप लगाते हुए सन्यास लेने और स्वयं को विश्राम देने की बात एक ट्वीट के माध्यम से कही थी।
रावत उनके कुछ समर्थकों ने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर हरीश विरोधी गुट को समर्थन देने का आरोप लगाते हुए, उन्हें हटाने तक की मांग की गई थी। कांग्रेस नेताओं के इस आपसी विवाद को विपक्ष ने भी हाथों हाथ लपक लिया और सोशल मीडिया पर उनके कांग्रेस छोड़ने तक की खबरें फैलने लगीं। यही नहीं जहां हरदा वहां हम, हम हैं पर्वत पुत्र के संग, जैसे मैसेज उनके समर्थकों द्वारा खूब ट्रोल किए जा रहे हैं।
चुनाव से ऐन पूर्व कांग्रेसी नेताओं के बीच मचे घमासान के बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का कहना है कि हरीश रावत पार्टी के सबसे सीनियर और सर्वमान्य नेता हैं। संगठन के कुछ लोग अगर उन्हें सहयोग नहीं कर रहे हैं तो इसका समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विवाद जैसी कोई बात नहीं है और न उनकी कोई ऐसी नाराजगी है। वही नेता विपक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि मुद्दा न तो सीएम के चेहरे को लेकर है न टिकटों के बंटवारे को लेकर है। हम सभी हाईकमान के दिशा निर्देशों के अनुसार ही अपनी पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। हरीश रावत कांग्रेस ही नहीं प्रदेश के सबसे बड़े नेता हैं। हम सभी उनका सम्मान करते हैं। दिल्ली बुलाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि दिल्ली तो आना-जाना होता ही रहता है, विवाद जैसी कोई बात नहीं है।
हरीश रावत का कहना है कि उनका वह ट्वीट तो आम दिनों में किए जाने वाले अन्य ट्यूट की तरह ही था। उन्हें तो आज के अखबारों को पढ़कर लगा कि उसके क्या मायने निकाले जा सकते हैं। उनका कहना है कि भाजपा और आप को इससे क्यों मिर्ची लग रही है। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस हाईकमान और प्रियंका गांधी से हरीश रावत की वार्ता हुई है और उन्हें मना लिया गया है। इसके बाद हरीश रावत अब अपने ट्वीट को सामान्य ट्वीट बता रहे हैं। आज शाम कांग्रेस नेताओं की हाईकमान के साथ बैठक के बाद ही सही स्थिति सामने आ सकेगी।