सेना का मनोबल तोड़ने कांग्रेस ने मनमोहन सिंह को बनाया ढ़ाल
नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर कांग्रेस देश को गुमराह करने से वाज नहीं आ रही है। वह इसके लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है। इसी कड़ी में सोमवार को उसने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ही ढ़ाल बना दिया। दस साल तक देश के प्रधानमंत्री रहे डा. मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर लद्दाख पर अपने बयान को शब्दों में तौलने की नसीहत दी है। आखिर पूर्व प्रधानमंत्री किस आधार पर वर्तमान प्रधानमंत्री पर चीन के शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगा रहे हैं? देश को गुमराह करने में कांग्रेस ने मनमोहन सिंह का वेजा इस्तमाल करते हुए असमंजस का वातावरण निर्मित कर प्रधानमंत्री मोदी के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करवा दिया है।
मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान को आधार बनाकर जिस तरह देश को गुमराह करने की कोशिश की है, उससे स्पष्ट हो गया है कि मनमोहन सिंह ने सोची-समझी रणनीति के तहत राजनीतिक फायदे के लिए पत्र लिखा है। कूटनीति की बात कहकर वे खुद जनता के साथ कूटनीतिक दांव खेल रहेे हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री का बयान दुर्भाग्यपूर्ण: जेपी नड्डा
डा. मनमोहन सिंह के भ्रमित बयान पर भाजपा ने गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए इसे सेना का मनोबल तोड़ने की कोशिश बताई है। गलवान घाटी में हुई खूनी झड़प के बाद जहां देशभर में उबाल है वहीं कांग्रेसी नेता चीन के खिलाफ कुछ कहने के बजाए सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सवाल उठाए अब वही काम पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह कर रहे हैं। भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि वे उसी पार्टी से हैं जिसने बेचारों की तरह 43 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन चीन को सौंप दी थी। यूपीए शासन में भी देश ने देखा कि बिना किसी लड़ाई के रणनीतिक और भौगोलिक जमीन भारत ने खो दी थी। नड्डा ने कहा कि डॉ सिंह तब चीन को लेकर चिंतित होते जब बतौर प्रधानमंत्री उन्होंने भारत की सैकड़ों किलोमीटर भूमि चीन को सौंप दिया था। उनके समय में 2010 से 2013 के बीच चीन ने 600 से ज्यादा बार अतिक्रमण किया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी किए गए बयान में भी स्पष्ट किया गया कि प्रधानमंत्री मोदी की वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय सीमा की ओर चीनी सेना की कोई मौजूदगी न होने वाली टिप्पणियां गलवान घाटी में सशस्त्र बलों की वीरता के बाद के हालात से जुड़े हैं। लेकिन कांग्रेस के नेताओं और कांग्रेस परस्त मीडिया ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान को आधार बनाकर जान-बूझकर देश में भ्रम पैदा करने की कोशिश की है।