कोरोना संकट से देश में मकान की कीमतों में 20 फीसद तक हो सकती है कमी, जमीन के रेट 30% तक गिरने की आशंका

कोरोना संकट से देश में मकान की कीमतों में 20 फीसद तक हो सकती है कमी, जमीन के रेट 30% तक गिरने की आशंका
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नई दिल्ली। कोरोना संकट से देश में मकानों की कीमत 10 से 20 प्रतिशत तक गिर सकती है। इतना ही नहीं जमीन की कीमत 30 प्रतिशत तक सस्ती हो सकती है। यह आकलन प्रॉपर्टी रिसर्च फॉर्म लियास फोरास की है। कोरोना संकट घर घरीदने वालों के लिए अच्छा अवसर हो सकता हहै। वहीं एनॉराक की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इस साल देश के सात बड़े शहरों में घरों की बिक्री में 35 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। ये शहर हैं दिल्ली-एनसीआर ( गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद), मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर), कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, पुणे और हैदराबाद।

कोविड-19 महामारी की वजह से यदेश में सीमेंट मांग में चालू वित्त वर्ष के दौरान 20- 25 प्रतिशत तक गिरावट आ सकती है। उद्योग का कहना है कि यदि मई तक इस महामारी पर नियंत्रण नहीं हुआ अैर निर्माण गतिविधियां वर्ष की दूसरी तिमाही तक ही शुरू हो पाईं तो सीमेंट खपत में भारी गिरावट आने की आशंका है। क्रिसिल ने सोमवार को यह जानकारी दी है।

लॉकडाउन के बावजूद कोविड -19 संक्रमित मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है और इसका आंकड़ा 4,000 अंक से आगे निकल गया है, जबकि मरने वालों की संख्या 100 को पार कर गई है।

क्रिसिल ने कहा है कि यदि भारत मई तक महामारी को नियंत्रित करने में असमर्थ रहता है, तो भारत में सीमेंट की मांग इस वित्त वर्ष में अभूतपूर्व रूप से 20-25 प्रतिशत तक घट सकती है। इस महामारी के कारण जून तक भी सामाजिक दूरी रखने के उपायों को जारी रखना पड़ सकता है और निर्माण गतिविधि केवल वित्तवर्ष 2021 की दूसरी तिमाही में ही शुरू हो सकती हैं।

हालांकि, क्रिसिल ने माना कि अगर अप्रैल के अंत तक लॉकडाउन और अन्य सामाजिक दूरी बनाये रखने के उपाय जारी रहते हैं और मध्य मई से निर्माण गतिविधि फिर से शुरू हो जाती हैं तो वित्तवर्ष के दौरान मांग में गिरावट 10-15 प्रतिशत तक ही रह सकती है। एजेंसी ने आगे कहा है कि धीमी मांग रहने के बावजूद, सीमेंट उद्योग ने वित्त वर्ष 2019- 20 में 25 रुपये प्रति बैग की मूल्य वृद्धि हासिल की हे।

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