कोवैक्सीन ने बढ़ाई उत्पादन क्षमता, सालाना 70 करोड़ डोज होंगे तैयार

कोवैक्सीन ने बढ़ाई उत्पादन क्षमता, सालाना 70 करोड़ डोज होंगे तैयार
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नईदिल्ली। कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने अपनी उत्पादन क्षमता को कई गुना बढ़ाने का ऐलान किया है। फिलहाल ये कंपनी कोरोना की रोकथाम करने के लिए हर महीने कोवैक्सीन के 40 लाख डोज का उत्पादन करती है, लेकिन अब कंपनी ने अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर सालाना 70 करोड़ डोज करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य के मुताबिक कंपनी हर महीने 5.83 डोज का उत्पादन करेगी।

भारत बायोटेक की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उसने हैदराबाद और बेंगलुरु के अपने प्रोडक्शन प्लांट्स में चरणबद्ध तरीके से वैक्सीन का प्रोडक्शन बढ़ा दिया है। कोरोना के खतरे और वैक्सीन की मांग में आई तेजी के कारण कंपनी की कोशिश इसके उत्पादन को चरम बिंदु यानी सालाना 70 करोड़ डोज तक ले जाने की है, लेकिन कोवैक्सीन के उत्पादन का ये लक्ष्य हासिल करने में कंपनी को करीब दो महीने का समय लगेगा।

कंपनी का दावा है कि वो इनएक्टिवेटेड वैक्सीन बनाती है, जो उपयोग करने वालों के लिए काफी सुरक्षित होती है, लेकिन इसका उत्पादन करना काफी जटिल होता है। साथ ही इसको तैयार करना भी महंगा पड़ता है, इसलिए लाइव वायरस वैक्सीन के मुकाबले कंपनी के वैक्सीन का उत्पादन तुलनात्मक रूप से कम होता है। हालांकि उत्पादन का ये लक्ष्य हासिल कर लेने के बाद भारत बायोटेक दुनिया भर में अभी तैयार की जा रही कोरोना वैक्सीन्स में से सबसे ज्यादा प्रोडक्शन करने वाली कंपनी बन जाएगी।

उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही वित्त मंत्रालय ने कोवैक्सीन का प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए कंपनी को 1,567.50 करोड़ रुपये का एडवांस देने का ऐलान किया है, ताकि वैक्सीन के प्रोडक्शन में तेजी लाई जा सके और जल्द से जल्द लोगों का टीकाकरण हो सके। आपको बता दें कि भारत में दो टीकों के साथ टीकाकरण अभियान शुरू किया गया था। इन दोनों में से एक टीका भारत बायोटेक का कोवैक्सीन है, जबकि दूसरे टीके कोविशील्ड का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट कर रही है।

भारत बायोटेक की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने में काफी समय और करोड़ों रुपये का निवेश लगता है, लेकिन भारत बायोटेक काफी कम समय में कोवैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने में कामयाब रही है। बयान में ये भी कहा गया है कि कंपनी दूसरे देशों के पार्टनर के साथ वैक्सीन का उत्पादन करने के लिए साझेदारी की संभावनाएं तलाश रही है। इन विदेशी कंपनियों के पास कंपलीट बायो-सेफ्टी के साथ बड़े पैमाने पर बेचने लायक इनएक्टिवेटेड वायरल वैक्सीन बनाने का अनुभव है।

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