राज्यसभा मेंं कांग्रेस को क्रास वोटिंग का खतरा
नई दिल्ली। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को तगड़ा झटका लग सकता है। गुजरात और राजस्थान में कांग्रेस को क्रास वोटिंग का खतरा परेशान कर रहा है। कांग्रेस का झारखंड और मणिपुर का समीकरण भी गड़बड़ा गया है। ऐसे में मप्र समेत चार राज्यों में कांग्रेस मुश्किल दौर से गुजर रही है।cross
राजस्थान में जिन निर्दलीय विधायकों के दम पर अशोक गहलोत सरकार बनी, वह विधायक राज्यसभा चुनाव में मुंह मोडऩे का संकेत देकर कांग्रेस के माथे पर बल पैदा कर दिया है। राजस्थान की तीन राज्यसभा सीटों पर चार प्रत्याशी मैदान में हैं। कांग्रेस की ओर से के.सी. वेणुगोपाल के अलावा दूसरे उम्मीदवार नीरज डांगी हैं। भाजपा ने राजेंद्र गहलोत और ओंकार सिंह लखावत को मैदान में उतारकर कांग्रेस का समीकरण गड़बड़ा दिया है। आंकड़ो के लिहाज से कांग्रेस की दो सीटें पक्की है, लेकिन क्रास हुई तो तस्वीर बदल सकती है। राजस्थान विधानसभा में मौजूदा समय में कांग्रेस के 107 विधायक हैं। बसपा से टूटकर कांग्रेस में आए हुए 6 विधायकों के अलावा 12 निर्दलीयों का समर्थन उसे हासिल है। भाजपा के पास 72 विधायक हैं। हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के तीन विधायकों को मिलाकर यह आंकड़ा 75 पहुंचता है। एक सीट के लिए 51 प्रथम वरीयता वाले विधायकों के वोटों की आवश्यकता होगी। यदि कांग्रेस समर्थक विधायकों को अंतरआत्मा की आवाज पर वोट देने के लिए भाजपा ने साध लिया तो कांग्रेस को एक सीट से हाथ धोना पड़ सकता है।
गुजरात की चार राज्यसभा सीटों पर पांच उम्मीदवारों के मैदान में उतरने से चुनावी मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है। भाजपा की ओर अ•ाय •ाारद्वाज और रमीलाबेन बारा के साथ तीसरे उम्मीदवार के तौर पर नरहरि अमीन को मैदान में उतारकर कांग्रेस के माथे पर बल पैदा कर दिया है। कांग्रेस ने यहां से शक्ति सिंह गोहिल और भरत सिंह सोलंकी को उतारा है। तीन सीट भाजपा के पास पहले से है, चौथी सीट पर उसकी तरफ से दांव लगाए जाने के बाद गुजरात में कांग्रेस की हालत अहमद पटेल के चुनाव जैसी हो गई है। गुजरात में भाजपा के पास 103 विधायक हैं।कांग्रेस के पास 65 विधायक बचे हैं। वहीं, 2 बीटीपी, एक एनसीपी और एक निर्दलीय विधायक हैं। एक सदस्य को जीतने के लिए 35 वोटों की जरूरत है। ऐसे में कांग्रेस अगर सारे समीकरण साध भी ले तो उसे एक विधायक की जरूरत पड़ेगी। शक्ति सिंह गोहिल को पहली वरीयता दिए जाने से उनकी राह को आसान हो गई है। परन्तु भरत सिंह सोलंकी को अपनी सीट जीतने में कड़ी मशक्कत करनी होगी।
झारखंड की दो सीटों पर तीन उम्मीदवार मैदान में हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा से शिबू सोरेन का राज्यसभा जाना तय है। भाजपा ने झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश को मैदान में उतारा है, वहीं कांग्रेस से