देश के पहरेदारों की मदद करना लोगों की भी सामूहिक जिम्मेदारी और नैतिक दायित्व

देश के पहरेदारों की मदद करना लोगों की भी सामूहिक जिम्मेदारी और नैतिक दायित्व
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रक्षा मंत्री ने सीएसआर कॉन्क्लेव को संबोधित किया

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि चाहे भारत की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए लड़े गए बहुआयामी युद्धों में जीत हासिल करना हो, या फिर सीमा पार से हो रही आतंकी गतिविधियों का मुकाबला करना हो, हमारी सशस्त्र सेनाओं ने बड़ी मुस्तैदी से चुनौतियों का मुंहतोड़ जवाब दिया है। सरकार पूर्व सैनिकों सहित सशस्त्र बलों के कर्मियों को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। देश के पहरेदारों की मदद करना लोगों की भी सामूहिक जिम्मेदारी और नैतिक दायित्व है, इसलिए आम नागरिकों को भी आगे आकर सैनिकों और उनके परिवारों का समर्थन करना चाहिए।

रक्षा मंत्री गुरुवार को 'केंद्रीय सैनिक बोर्ड' की ओर से आयोजित सीएसआर कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने नई दिल्ली में सशस्त्र सेना झंडा दिवस कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) सम्मेलन के तीसरे संस्करण के दौरान वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष (एएफएफडीएफ) में योगदान के लिए भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष दिनेश खारा और सन टीवी समूह की कार्यकारी निदेशक कावेरी कलानिधि को सम्मानित किया। अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने युद्ध के दौरान देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के साथ-साथ सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए सशस्त्र बलों की वीरता और बलिदान की सराहना की। उन्होंने देश की सेवा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

रक्षा मंत्री ने कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई के दौरान विभिन्न स्थानों पर संपर्क ट्रेसिंग, सामुदायिक निगरानी, अलग-अलग स्थानों पर संगरोध सुविधाओं के प्रबंधन में नागरिक प्रशासन की स्वेच्छा से मदद करने के लिए पूर्व सैनिकों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार पूर्व सैनिकों सहित सशस्त्र बलों के कर्मियों को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। देश के पहरेदारों की मदद करना लोगों की सामूहिक जिम्मेदारी और नैतिक दायित्व है, इसलिए आम नागरिक आगे आकर सैनिकों और उनके परिवारों का समर्थन करें। उन्होंने कहा कि वैसे तो हमारे सैनिकों के सम्मान के लिए किसी ख़ास दिन, सप्ताह या माह की जरूरत नहीं है, साल का एक-एक दिन, एक-एक पल उनके सम्मान का होता है। फिर भी रक्षा मंत्रालय ने दिसंबर को 'गौरव माह' के रूप में मनाने का फैसला लिया है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि जिस तरह हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी वीर जवानों पर है, उसी तरह उनकी और उनके परिवार की जिम्मेदारी हम सब पर है। हमारे सैनिक बोर्डों के माध्यम से पूरे देश में मनाया जाने वाला 'गौरव माह' इस सामाजिक जिम्मेदारी को निभाने का एक तरीका है। राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाने के लिए हमें बड़े और खुले दिमाग से आगे आना चाहिए। रक्षा मंत्री ने स्वतंत्रता से पहले और बाद में सशस्त्र बलों को दिए गए योगदान को याद करते हुए कहा कि यह भावना हमेशा भारतीय परंपरा का हिस्सा रही है। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने सशस्त्र बलों के अनुशासन, समर्पण और क्षमताओं की सराहना की।

भूतपूर्व सैनिक कल्याण के सचिव बी आनंद ने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों, युद्ध विधवाओं और उनके आश्रितों की 17 योजनाओं के लिए सालाना कुल 210 करोड़ रुपये की आवश्यकता है, लेकिन एएफएफडीएफ हर साल केवल 95 करोड़ रुपये ही जुटा पाता है। सशस्त्र सेना झंडा दिवस सीएसआर कॉन्क्लेव का उद्देश्य भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग, रक्षा मंत्रालय द्वारा पूर्व सैनिकों, विधवाओं और उनके आश्रितों के पुनर्वास, पुनर्वास और कल्याण के उपायों को उजागर करना और इन प्रयासों के लिए सीएसआर समर्थन जुटाना है। कॉन्क्लेव के दौरान केंद्रीय सैनिक बोर्ड के सचिव, एयर कमोडोर बी अहलूवालिया, रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारी और कॉर्पोरेट और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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