राजनाथ सिंह ने सैनिकों के शौर्य को सराहा, कहा- रक्षा क्षेत्र के लिए यह एक स्वर्णिम काल

राजनाथ सिंह ने सैनिकों के शौर्य को सराहा, कहा-  रक्षा क्षेत्र के लिए यह एक स्वर्णिम काल
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रक्षा मंत्री ने नई दिल्ली में फेडरेशन ऑफ इंडियन कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के 95वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित किया

नईदिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को एक बार फिर चीन सीमा पर गलवान घाटी और अरुणाचल के तवांग सेक्टर में चीनी सैनिकों के साथ भिड़ंत में अद्वितीय वीरता दिखाने के लिए भारतीय सेना को सराहा। उन्होंने कहा कि भारत अब विश्व की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो चुका है। हमें 1991 से तीन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में 31 वर्ष का समय लग गया। रक्षा क्षेत्र के लिए यह एक स्वर्णिम काल है, क्योंकि इस दौरान लड़ाकू विमान, विमानवाहक, युद्धक टैंक तथा हमलावर हेलीकॉप्टरों के निर्माण में अपनी क्षमताएं प्रदर्शित की हैं।

नई दिल्ली में फेडरेशन ऑफ इंडियन कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के 95वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत का दूसरे देशों की भूमि पर कब्जा करने का कोई इरादा नहीं है लेकिन अगर कोई बुरी दृष्टि डालने का प्रयास करता है तो देश हमेशा तैयार रहेगा। उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य एक महाशक्ति बनना है, जो दुनिया के कल्याण के लिए काम करे। उन्होंने कहा कि भारत अब विश्व की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो चुका है। हमें 1991 से तीन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में 31 वर्ष का समय लग गया। मुझे विश्वास है कि अगले सात वर्षों में ही तीन ट्रिलियन डॉलर जोड़े जा सकेंगे।

वसुधैव कुटुम्बकम और विश्व कल्याण

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता भारत के बढ़ते कद का प्रमाण है। जी-20 की थीम 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' के माध्यम से विकास की एक समावेशी और निर्णायक रुपरेखा निर्धारित की जाएगी। वसुधैव कुटुम्बकम और विश्व कल्याण की भावना से प्रेरित होकर प्रधानमंत्री ने आर्थिक और मानव विकास के लिए भारत के संकल्प को उन देशों के साथ साझा करने का निर्णय लिया है, जो अभी तक कोरोना महामारी से उबर नहीं पाए हैं। राजनाथ सिंह ने सरकार के उन सुधारों को रेखांकित किया, जिसने मजबूत, समृद्ध और आत्मनिर्भर 'नवीन भारत' की दिशा में एक लंबी छलांग लगाने के लिए आधार तैयार किया है।

रक्षा मंत्रालय के कई सुधारों को सूचीबद्ध किया

उन्होंने डिजिटल वित्तीय अवसंरचना, प्रधानमंत्री जन-धन योजना, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के सृजन का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि यह योजनाएं विशेष रूप से निर्धन व्यक्तियों के लिए वरदान साबित हुईं हैं। रक्षा मंत्री ने भारतीय रक्षा क्षेत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए रक्षा मंत्रालय के कई सुधारों को सूचीबद्ध किया, जिसमें एफडीआई मानदंडों को सरल बनाना, एफडीआई की अधिकतम सीमा को 74 प्रतिशत तक बढ़ाना और सरकारी रूट के तहत 100 प्रतिशत तक बढ़ाना शामिल है। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए 2022-23 में पूंजीगत खरीद बजट का 68 प्रतिशत घरेलू उद्योग के लिए निर्धारित किया गया है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि इन सुधारों से वांछित परिणाम हासिल होने पर पिछले छह वर्षों के भीतर रक्षा निर्यात में सात गुना वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि 2025 तक रक्षा उत्पादन को 12 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 22 अरब अमेरिकी डॉलर करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। रक्षा क्षेत्र के लिए यह एक स्वर्णिम काल है, क्योंकि इस दौरान लड़ाकू विमान, विमानवाहक, युद्धक टैंक तथा हमलावर हेलीकॉप्टरों के निर्माण में अपनी क्षमताएं प्रदर्शित की हैं। भारतीय रक्षा उद्योग तेजी से बढ़कर अपनी वैश्विक उपस्थिति दर्ज करा रहा है। उन्होंने कहा कि 2014 में देश में मुश्किल से 400-500 स्टार्टअप थे लेकिन आज यह संख्या बढ़कर 80 हजार तक पहुंच चुकी है।

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