रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रूस रवाना, शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भाग लेंगे

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रूस रवाना, शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भाग लेंगे
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नईदिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रूस की तीन दिवसीय यात्रा पर आज सुबह मॉस्को के लिए रवाना हो गए। राजनाथ सिंह अपनी इस यात्रा में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेंगे। शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक 4-6 सितम्बर को रूस में होनी है। राजनाथ सिंह की वहां चीनी रक्षामंत्री के साथ वार्ता करने की कोई योजना नहीं है। इस बैठक में भारत पूर्वी लद्दाख में चीन की विस्तारवादी नीतियों का मुद्दा उठा सकता है।

यात्रा पर जाने से पहले राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा, 'मैं द्वितीय विश्व युद्ध में जीत की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में शंघाई सहयोग संगठन, सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन और सीआईएस सदस्यों के रक्षा मंत्रियों की संयुक्त बैठक में भाग लेने जा रहा हूंं। मैं द्विपक्षीय सहयोग और आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए रूस के रक्षा मंत्री जनरल शोइगू से भी मिलूंगा।'

इसके बाद शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य चीन, पाकिस्तान, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उजबेकिस्तान समेत 11 देशों की सेनाओं का युद्धभ्यास दक्षिण रूस के अस्त्रखान क्षेत्र में 15 से 26 सितम्बर के बीच होने वाला है। इसके अलावा इस ड्रिल में मंगोलिया, सीरिया, ईरान, मिस्र, बेलारूस, तुर्की, आर्मेनिया, अबकाज़िया, दक्षिण ओसेतिया, अजरबैजान और तुर्कमेनिस्तान भी शामिल होंगे। अगले महीने होने वाले इस युद्धाभ्यास में मेजबान रूस सहित 19 काउंटी देश शामिल होंगे। सारे देशों को मिलाकर इस अभ्यास में 12 हजार 500 से अधिक सैनिक भाग लेंगे।

रूस ने इस युद्धाभ्यास में भाग लेने के लिए भारत को भी तीनों सेनाओं की लगभग 200 कर्मियों की टुकड़ी के साथ आमंत्रित किया था लेकिन भारत ने पूर्वी लद्दाख में चीन और एलओसी पर पाकिस्तान से चल रही तनातनी को देखते हुए इस युद्धाभ्यास में शामिल नहीं होने का फैसला लेते हुए इस बारे में रूस को अवगत करा दिया है। इस युद्धभ्यास में हिस्सा लेने चीन और पाकिस्तान की सेनाएं भी जा रही हैं। दक्षिणी रूस के अस्त्रखान क्षेत्र में होने वाले वॉरगेम्स में न जाने का निर्णय लेने के पीछे भारतीय अधिकारियों ने वैश्विक कोरोना की बिगड़ती स्थिति को भी ध्यान में रखा है।

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